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नगर प्रशासन /Pol sc chep 07 ✍️ AGT

नगर प्रशासन


नगर प्रशासन: गाँव के मुकाबले शहर काफी बड़ा होता है। शहर की आबादी अधिक होती है इसलिए वहाँ जन सुविधाएँ भी अधिक होती हैं। लोगों का जीवन सुचारु रूप से चलाने के लिए इन सबकी सही ढ़ंग से देखभाल की जरूरत होती है। शहरों में जन सुविधाएँ देने का काम नगर पालिका का होता है।

नगरपालिका: यह एक चुनी हुई संस्था है। नगरपालिका का कार्यकाल पाँच साल का होता है। छोटे शहरों में इसे नगरपालिका ही कहते हैं, लेकिन बड़े शहर में इसे नगर निगम कहते हैं।

वार्ड: हर नगरपालिका को छोटी इकाइयों में बाँटा जाता है जिन्हें वार्ड कहते हैं।

वार्ड पार्षद: हर वार्ड के लोग अपना एक पार्षद चुनते हैं, जिसे वार्ड काउंसिलर भी कहते हैं। सभी वार्ड पार्षद अपने में से ही एक चेयरमैन चुनते हैं।

विभाग: नगरपालिका के काम को सही ढ़ंग से चलाने के लिए कई विभागों की जरूरत पड़ती है। इनके कुछ उदाहरण हैं: सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, निर्माण, आदि।

सफाई विभाग का काम शहर में साफ सफाई रखना है। नालियों की सफाई और कचरे का निबटारा इसी विभाग की जिम्मेदारी है।

स्वास्थ्य विभाग का काम है स्वास्थ्य के मुद्दे को देखना; जैसे मलेरिया, डेंगू और हैजा की रोकथाम।

शिक्षा विभाग का काम है स्कूलों में सुविधाओं को देखना। ऐसा जरूरी नहीं कि शहर के सारे सरकारी स्कूल नगरपालिका के अधीन हों।

निर्माण विभाग का काम है पार्क, स्ट्रीट लाइट और कुछ सड़कों का निर्माण करना और रखरखाव करना।

पार्षद समिति

विभिन्न कार्यक्रमों को बनाने और लागू करने के लिए विभिन्न समितियाँ बनती हैं। इन समितियों के सदस्य पार्षद ही होते हैं। इन समितियों का नामकरण उससे जुड़े काम के आधार पर होता है; जैसे सफाई समिति या शिक्षा समिति।

कमिशनर और प्रशासनिक कर्मचारी

इन कर्मचारियों की नियुक्ति सरकार द्वारा होती है। इनका काम है विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करवाना और उनका प्रबंधन करना।

नगरपालिका के काम

जल आपूर्ति, अस्पताल, सड़क, स्ट्रीट लाइट, नाली, अग्निशमन, बाजार, जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड, कचरा प्रबंधन, आदि।

नगरपालिका की आय के स्रोत

नगरपालिका की आय के स्रोत हैं मकान, जल, बाजार, मनोरंजन और वाहनों पर टैक्स। इसके अलावा नगरपालिका को सरकार से अनुदान भी मिलते हैं। नगरपालिका वाहनों पर पार्किंग शुल्क भी वसूलती है।

कॉन्ट्रैक्ट रोजगार

आजकल भारत की नगरपालिकाओं में एक नई परिपाटी शुरु हुई है। अपने खर्चे घटाने के उद्देश्य से नगरपालिकाओं ने कई काम प्राइवेट ऑपरेटर्स को कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिये हैं। ऐसे में काम करने वाले मजदूर नगरपालिका से वेतन नहीं पाते हैं। इससे कार्यक्षमता तो निस्संदेह बढ़ी है लेकिन इससे मजदूरों की स्थिति खराब हो गई है। अब मजदूरों की नौकरी सुरक्षित नहीं है। उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी नहीं मिलती है।

Questions and answers

प्रश्न 1: बच्चे यास्मीन खाला के घर क्यों गए?

उत्तर: बच्चे यह जानने के लिए बहुत उत्सुक थे कि गली की ट्यूबलाईट कौन बदलता है? चूँकि एक बच्चे की माँ से सभी को पता चला कि ये नगर निगम कि जिम्मेदारी होती है। पहले यास्मीन खाला नगर पालिका में काम करती थी, इसलिए सभी बच्चे यास्मीन खाला से मिलने उसके घर गए।

प्रश्न 2: नगर निगम के कार्य शहर के निवासियों के जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं? ऐसे चार तरीकों के बारे में लिखिए।

उत्तर: नगर निगम के कार्य निम्नलिखित है:

  1. घरों और बाजार से कचरा जमा करना और उसका निबटारा करना, इससे सड़कें और गली साफ सुथरी रहती हैं।
  2. नलियों को साफ करना, इससे शहर साफ रहता है।
  3. मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए काम करना, इससे लोगों के स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

नगर निगम के उपरोक्त कार्य से शहर के निवासियों का जीवन आसान हो जाता है।

प्रश्न 3: नगर निगम पार्षद कौन होता है?

उत्तर: हर वार्ड के लोग अपना एक पार्षद चुनते हैं, जिसे नगर निगम पार्षद या वार्ड काउंसिलर कहते हैं।

प्रश्न 4: गंगाबाई ने क्या किया और क्यों?

उत्तर: गंगाबाई के मुहल्ले की गली से नियमित रूप से कचरे उठाने की व्यवस्था नहीं थी। जिससे गंदगी और बदबू से सभी लोग परेशान थे। इसलिए गंगाबाई ने मुहल्ले की सभी औरतों के साथ मिलकर पहले पार्षद के सामने फिर आयुक्त के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

प्रश्न 5: नगर निगम अपने काम के लिए धन कहाँ से प्राप्त करता है?

उत्तर: नगर निगम अपने काम के लिए विभिन्न तरह के कर जैसे- संपत्ति कर, मनोरंजन कर, दुकान और होटल पर कर, पानी पर कर, आदि से धन इकट्ठा करता है। सरकार से भी कुछ राशि की सहायता मिलती है।

चर्चा कीजिए।

नीचे दिए गए चित्रों में कूड़ा करने और उसको ठिकाने लगाने की विभिन्न विधियों को देखें।

चित्र I (टेक्स्ट बुक में देखें) इस चित्र में दिखाया गया है कि कूड़ा उठाने वाले लोगों ने न कोई मास्क पहना है न ही दस्ताने।
चित्र II (टेक्स्ट बुक में देखें) इस चित्र में दिखाया गया है कि कूड़ा उठाने वाले ने दस्ताने और मास्क पहन रखे हैं। कूड़े को वे रिक्शा गाड़ी में ढ़क्कन वाले कूड़ेदान में ले जा रहे हैं।

प्रश्न 1: आपके विचार से कौन सी विधि कूड़े का निपटारण करने वाले व्यक्ति के लिए सुरक्षित है?

उत्तर: चित्र II में दिखाए गए विधि से कूड़े का निपटारण करने वाले व्यक्ति सुरक्षित हैं।

प्रश्न 2: पहले चित्र में कूड़ा इकट्ठा करने का जो तरीका दिखाया गया है उसमें क्या क्या जोखिम है?

उत्तर: पहले चित्र में कूड़ा इकट्ठा करने का जो तरीका दिखाया गया है उसमें निम्नलिखित जोखिम है।

  1. कूड़े के निपटारण करने वाला व्यक्ति किसी नुकीली या धारदार चीज से घायल हो सकता है।
  2. उसे संक्रमण(इंफेक्शन) लग सकता है।
  3. वह बीमार पड़ सकता है।
प्रश्न 6: आप क्या सोचती है कि जो लोग नगर निगमों में काम करतें हैं उनके पास अपने कूड़े के निपटारण की व्यवस्थित सुविधाएँ क्यों नहीं हैं?

उत्तर: जो लोग नगर निगमों में काम करतें हैं उनके पास अपने कूड़े के निपटारण की व्यवस्थित सुविधाएँ इसलिए नहीं हैं कि अपने कूड़े के निपटारण के लिए उपकरण खरीदने के लिए पर्याप्त कोष नहीं है। साथ ही कर्मचारी और उसके ऑफिसर में जागरूकता की कमी है।

प्रश्न 7: शहर में बहुत सारे लोग घरेलू नौकरों की तरह काम करतें हैं और दूसरो के घरों को साफ रखते हैं। उसी तरह बहुत से लोग नगर निगम के लिए काम करतें हैं और शहर को साफ सुथरा रखतें हैं।। इसके बावजूद वे जिन बस्तियों में रहतें हैं, वहाँ काफी गंदगी होती है। इसका कारण यह है कि इन बस्तियों में पानी और सफाई की सुविधा विरले ही होती है। नगर निगम इसके लिए बस्तीवालों को ही दोषी ठहराती है कि जिस ज़मीन पर वे गरीब लोग अपना मकान बनाते हैं वह उनकी नहीं होती है और न ही वे सरकार को कोई कर देते हैं। जबकि मध्यम वर्ग के रिहायशी इलाकों में पार्क बनाने, गलियों में रोशनी की व्यवस्था करने और नियमित कूड़ा जमा करने आदि के काम पर जितना नगर निगम खर्च करता है, उसकी तुलना में वहाँ रहने वाले लोग बहुत कम कर देते हैं। पाठ में भी आपने पढ़ा है कि नगर निगम को संपत्ति कर से कुल 20-30 प्रतिशत की आय होती है।

क्या आपको लगता है कि नगर निगम को बस्तियों की सफाई पर ज्यादा खर्च करना चाहिए? यह क्यों मह्त्वपूर्ण है? और यह क्यों जरूरी है कि शहर में नगर निगम जो सुविधाएँ धनी लोगों को मुहैया कराता है वही गरीबों को भी मिले।

उत्तर: बस्ती भी शहर का हिस्सा होता है। बस्ती के निवासी भी शहर के हर काम में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाते हैं। वे मध्यम वर्ग को बहुत सारी सेवाएँ देतें है। इसके बावजूद अगर बस्ती में किसी तरह की महामारी फैलती है तो इससे न सिर्फ बस्ती बल्कि मध्यम वर्ग का रिहायशी इलाका भी इसकी चपेट में आ सकता है। इसलिए शहर में नगर निगम जो सुविधाएँ धनी लोगों को मुहैया कराता है वही गरीबों को भी देने की कोशिश करे।

Extra Questions Answers

प्रश्न 1: शहर में जन सुविधाएँ देने का काम किसका है?

उत्तर: शहर में जन सुविधाएँ देने का काम नगरपालिका का होता है।

प्रश्न 2: नगरपालिका का कार्यकाल कितने दिनों का होता है?

उत्तर: पाँच वर्षों का

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