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गाँव का प्रशासन /Pol sc chep 06 ✍️ AGT

गाँव का प्रशासन


प्रशासन: शासन के विभिन्न पहलुओं के विकास और उसके अमल को प्रशासन कहते हैं। प्रशासन का जो भाग जनता की भलाई के लिए होता है उसे लोक प्रशासन कहते हैं। गाँवों में प्रशासन के कई पहलू हैं। इनमे से कुछ नीचे दिये गये हैं।

  • जन सुविधाओं का निर्माण; जैसे सड़क, नाली, बांध, पेय जल, आदि।
  • लोक कल्याण योजनाओं को लागू करना
  • झगड़े का निबटारा
  • जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना
  • लगान (भू कर) की वसूली
विवाद का समाधान

जब दो लोग या लोगों के दो समूह किसी बात पर सहमत नहीं होते हैं तो विवाद खड़ा हो सकता है। ज्यादातर विवादों को शांति से हल किया जा सकता है। लेकिन कई बार विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासनिक तंत्र की दखलंदाजी की जरूरत पड़ती है।

पुलिस की भूमिका

पुलिस का काम है कानून को लागू करना। पुलिस को अपने क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र भी बहाल करना होता है। हर गाँव के लिए एक थाना होता है। एक थाने के क्षेत्र में कई गाँव आते हैं।

थानाध्यक्ष (एस एच ओ): पुलिस थाने के मुखिया को थानाध्यक्ष या थानेदार कहते हैं। थानेदार का काम होता है शिकायत दर्ज करना। थाने में किसी भी शिकायत को अक्सर एफ आई आर (फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) के रूप में दर्ज किया जाता है।

शिकायत दर्ज करने के बाद थानाध्यक्ष एक कॉन्स्टेबल को विवाद या अपराध के स्थल पर छान बीन के लिए भेजता है। समाधान के लिये थानेदार पंचायत या गाँव के बुजुर्गों की मदद भी ले सकता है। जरूरत पड़ने पर थानेदार कोर्ट भी जा सकता है।

जमीन विवाद

ग्रामीण इलाकों में विवाद का मुख्य कारण जमीन से जुड़ा झगड़ा होता है। ऐसा अक्सर होता है कि एक आदमी जबरदस्ती किसी दूसरे आदमी की जमीन हड़प लेता है। गाँव के कुछ लोग अन्य लोगों से सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक शक्तिशाली होते हैं। अधिक शक्तिशाली आदमी कम शक्तिशाली आदमी की जमीन हड़पने की कोशिश कर सकता है। ऐसी स्थिति में अक्सर अनुसूचित जाति/जनजाति या पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति शिकार होता है। कई बार एक ही जाति के लोगों के बीच भी जमीन का विवाद उठ खड़ा होता है।

पटवारी

पटवारी को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है; जैसे तहसीलदार, कानूनगो और ग्रामीण अधिकारी। पटवारी का काम होता है लगान वसूल करना। राजस्व वसूली तंत्र में पटवारी सबसे अगली पंक्ति का कर्मचारी होता है। पटवारी के सिस्टम को सबसे पहले शेरशाह सूरी ने लागू किया था। बाद में इसे अकबर ने और बेहतर किया।

भू राजस्व या लगान: भारत में शुरु के राजाओं और महाराजाओं के जमाने से ही भू राजस्व सरकार के लिए राजस्व का एक मुख्य स्रोत रहा है। आज सरकार किसी भी किसान के पास की कुल जमीन पर सालाना टैक्स लगाती है।

जिला स्तर पर राजस्व वसूली तंत्र का मुखिया कलक्टर होता है। टैक्स के कलेक्शन से जुड़े होने के कारण जिलाधिकारी को कलक्टर भी कहा जाता है।

पटवारी के काम

  • भूमि पर उगने वाली फसल का रिकॉर्ड रखना
  • जमीन के मालिक का ताजा रिकॉर्ड रखना।

पहले जमीन के रिकॉर्ड को कागजों पर लिखकर रखा जाता था। इससे जमीन के मालिकाना हक को लेकर अक्सर दुविधा उठती थी। पटवारी अक्सर भ्रष्ट होते थे और रिकॉर्ड में तोड़ मरोड़ कर देते थे। लेकिन अब भारत के अधिकांश हिस्सों में जमीन के रिकॉर्ड को कम्प्यूटर में रखा जाने लगा है। कंप्यूटर के कारण जमीन से जुड़े विवादों की संख्या काफी हद तक घट गई है।

जमीन के रिकॉर्ड में जानकारी: जमीन के रिकॉर्ड को खसरा भी कहा जाता है। खसरे की महत्वपूर्ण बातें नीचे दी गई हैं:

  • जमीन का वर्तमान मालिक
  • जमीन का क्षेत्रफल
  • उगने वाली फसल
  • जमीन पर कोई अन्य सुविधा
  • जमीन की चौहद्दी

जमीन के रिकॉर्ड का महत्व

जमीन का रिकॉर्ड सरकार और जनता दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है। खसरे की जरूरत कई मामलों में पड़ सकती है। जमीन बेचने और खरीदने वाले को खसरे की जरूरत पड़ती है। यदि कोई आदमी अपनी जमीन गिरवी रखकर कर्ज लेना चाहता है तो बैंक को उस जमीन का खसरा दिखाना पड़ता है। जब भी किसी जमीन के स्वामित्व को लेकर कोई विवाद होता है तो इस रिकॉर्ड की जरूरत पड़ती है। जब कोई व्यक्ति अपने बच्चों में जमीन का बंटवारा करना चाहता है तो इस रिकॉर्ड की जरूरत पड़ती है।

खसरा निकलवाना

कोई भी आदमी उचित शुल्क देकर तहसील से किसी जमीन का खसरा निकलवा सकता है। आप तहसील ऑफिस से जमीन का नक्शा भी ले सकते हैं। कंप्यूटराइजेशन के बाद जमीन का रिकॉर्ड प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है।

हिंदू अधिनियम धारा, 2005

पहले किसी व्यक्ति की जमीन को उसके बेटों में बराबर बांटा जाता था। सरकार ने 2005 में इस नियम में संशोधन किया। अब नये नियम के अनुसार, किसी व्यक्ति की जमीन में उसकी बेटियों का भी हिस्सा रहता है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि स्त्रियों का सशक्तिकरण हो सके।

गाँव में अन्य जन सुविधाएँ

स्वास्थ्य सेवाएँ: कुछ गाँवों में छोटे तो कुछ गाँवों में बड़े अस्पताल होते हैं। जिस गाँव में अस्पताल नहीं होता वहाँ कुछ स्वास्थ्य कर्मचारी जाया करते हैं।

स्कूल: आज कई गाँवों में सरकारी स्कूल हैं।

दूध को-ऑपरेटिव: दूध उत्पादकों द्वारा सहकारी समिति या को-ऑपरेटिव बनाई जाती है। ऐसी सोसाइटी का काम है आस पास के गांवों से मिलने वाले दूध को एक जगह इकट्ठा करना। वहाँ से दूध को प्रॉसेसिंग प्लांट में भेजा जाता है।

आंगनवाड़ी केंद्र: गरीब बच्चों की देखभाल के लिए आंगनवाड़ी केंद्र बनाए गये हैं। ऐसे केंद्रों पर छोटे बच्चों की देखभाल होती है। उन्हें मुफ्त भोजन और कुछ दवाएँ दी जाती हैं।

Questions answers

प्रश्न 1: पुलिस का क्या काम होता है?

उत्तर: पुलिस का निम्नलिखित काम होता है

  1. कानून व्यवस्था बनाए रखना।
  2. हर पुलिस थाना अपने कार्यक्षेत्र में हुई चोरी, दुर्घटना, मारपीट, झगड़े, आदि की रपट लिखता है।
  3. लोगों से घटना के बारे में पूछ-ताछ और जाँच-पड़ताल करना होता है।
  4. विवाद को सुलझाने के लिए कभी-कभी अदालत(कोर्ट) की मदद लेना

प्रश्न 2: पटवारी के कोई दो काम बताइए?

उत्तर: पटवारी के दो काम निम्नलिखित है:

  1. ज़मीन को नापना और उसका लेखा-जोखा रखना
  2. किसानों से भूमि कर इकट्ठा करना
प्रश्न 3: तहसीलदार का क्या काम होता है?

उत्तर: तहसीलदार का निम्नलिखित काम होता है:

  1. वे पटवारी के काम का निरीक्षण करता है।
  2. राजस्व की भी निगरानी करता है।
  3. किसानों को अपने रिकार्ड की नकल आसानी से मिल सके इसका ध्यान रखता है।
  4. वह विद्दार्थियो को जाति प्रमाण-पत्र जारी करता है।
  5. ज़मीन से जुड़े विवादित मामलों की सुनवाई करता है।

प्रश्न 4: ‘एक बिटिया की चाह’ कविता में किस मुद्दे को उठाने की कोशिश की गई है? क्या यह मुद्दा आपको महत्वपूर्ण लगता है? क्यों?

उत्तर: ‘एक बिटिया की चाह’ कविता में विरासत में मिली संपत्ति पर लिंग-भेद की तरफदारी जैसे मुद्दे को उठाने की कोशिश की गई है। पुरानी परम्परा अनुसार विरासत में मिली संपत्ति को बस पुरूषो के बीच बाँट दिया जाता था। वहीं दूसरी ओर महिलाओं को इससे वंचित रखा जाता था।

यह एक मह्त्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि महिलाएँ भी खेतों में बराबरी का काम करती हैं। लेकिन ज़मीन में मालिकाना हिस्सा उन्हें शायद ही मिल पाता है।

प्रश्न 5: पिछ्ले अध्याय में आपने पंचायत के बारे में पढ़ा। पंचायत और पटवारी का काम एक-दूसरे से कैसे जुड़ा हुआ है?

उत्तर: पटवारी ज़मीन का लेखा-जोखा रखता है। जबकि पंचायत स्थानीय जरूरतों का ध्यान रखता है। जब सड़क बनाने, नाले बनवाने और कुँआ खुदवाने या चापाकल लगवाना होता है तो पंचायत को भी ज़मीन के दस्तावेज की जरूरत होती है। ज्यादातर जमीन के विवाद को पंचायत में ही सुलझा लिया जाता है। इसके लिए भी दस्तावेज की जरूरत होती है। इस तरह पंचायत और पटवारी का काम एक-दूसरे से जुड़ा हुआ मालूम पड़ता है।

प्रश्न 6: किसी पुलिस थाने जाइए और पता कीजिए कि यातायात नियंत्रण, अपराध रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस क्या करती है, खासकर त्योहार या सार्वजनिक समारोहों के दौरान।

उत्तर: त्योहार या सार्वजनिक समारोहों के दौरान यातायात नियंत्रण, अपराध रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस निम्नलिखित कार्य करती है:

  1. पुलिस विभाग यातायात और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चौकस रहती है।
  2. पुलिस के उपस्थित रहने भर से आपराधिक तत्व सहमे रहते हैं।
  3. भीड़-भार में बिछुड़े व्यक्ति को अपने रिश्तेदारों से मिलाने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 7: एक ज़िले में सभी पुलिस थानों का मुखिया कौन होता है? पता करें।

उत्तर: एक ज़िले में सभी पुलिस थानों का मुखिया पुलिस-अधीक्षक (Superintendent of Police) होता है| एक पुलिस थाना में अपना एक स्टेशन हाउस ऑफिसर(SHO) होता है।

प्रश्न 8: चर्चा कीजिए कि नए कानून के तहत महिलाओं को किस तरह फायदा होगा।

उत्तर: नए कानून के तहत महिलाओं को भी पुरखों की विरासत में बराबरी का हिस्सा मिलता है। ये अधिकार महिलाओं को शक्ति प्रदान करता है।

प्रश्न 9: आपके पड़ोस में क्या कोई ऐसी औरत है जिसके नाम ज़मीन-जायदाद हो? यदि हाँ, तो उसे यह संपत्ति कैसे प्राप्त हुई?

उत्तर: हमारे पड़ोस में कई ऐसी औरत है जिसके नाम ज़मीन-जायदाद है। कुछ तो अपने कमाई से ज़मीन-जायदाद खरीदीं हैं और कुछ विरासत में मिली है।


Extra Questions Answers

प्रश्न 1: थानाध्यक्ष किसे कहा जाता है?

उत्तर: पुलिस थाने के मुखिया को थानाध्यक्ष(एस अच ओ) या थानेदार कहा जाता है

प्रश्न 3: पटवारी को अलग अलग राज्यों में और किन किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर: लेखपाल, कर्मचारी, ग्रामीण अधिकारी और कानूनगो

प्रश्न 4: पटवारी खेत नापने के लिए जिन लोहे की जंजीरों का इस्तेमाल करतें हैं, उसे क्या कहते हैं?

उत्तर: पटवारी खेत नापने के लिए जिन लोहे की जंजीरों का इस्तेमाल करतें हैं, उसे जरीब कहते हैं।

प्रश्न 5: पटवारी की नियुक्ति सबसे पहले किसने की?

उत्तर: पटवारी की नियुक्ति सबसे पहले शेरशाह सूरी ने की।

प्रश्न 6: भूमि कर क्या है?

उत्तर: सरकार जमीन के मालिकों से सलाना स्तर पर कुछ कर वसूलती है, जिसे भूमि कर कहते हैं।

प्रश्न 7: किसानों को खेत के नक्शे और रिकार्ड की जरूरत कब पड़ती है?

उत्तर: किसानों को खेत के नक्शे और रिकार्ड की जरूरत निम्नलिखित समय पर पड़ती है|

  1. जब एक किसान दूसरे किसान से जमीन खरीदना चाहता हो।
  2. एक किसान जब अपनी फसल को दूसरो से बेचता है।
  3. जब किसी किसान को अपनी जमीन में कुँआ खोदने के लिए सरकार से कर्ज चाहिए।
  4. जब किसान खेतों के लिए खाद खरीदना चाहता है।
  5. जब कोई किसान अपनी जमीन बेटों बेटियों के बीच बाँटना चाहता हो।

प्रश्न 8: जमीन के रिकार्ड को और क्या कहा जाता है?

उत्तर: जमीन के रिकार्ड को खसरा भी कहा जाता है।

प्रश्न 9: खसरे से किस किस बात की जानकारी मिलती है?

उत्तर: खसरे से निम्नलिखित जानकारी मिलती है:

  1. जमीन का वर्तमान मालिक
  2. जमीन का क्षेत्रफल
  3. उसमें उगने वाली फसल
  4. जमीन की चौहद्दी
  5. जमीन पर कोई अन्य सुविधा
  6. अगर बटाई पर ज़मीन है तो दूसरे किसान का नाम और बटाई का हिस्सा
  7. परती जमीन

प्रश्न 10: कोई भी किसान अपनी जमीन का नक्शा और खसरा कहाँ से निकलवा सकता है?

उत्तर: कोई भी किसान अपनी जमीन का नक्शा और खसरा तहसील कार्यालय से निकलवा सकता है।

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