पंचायती राज
पंचायती राज: लोकतांत्रिक सरकार का सबसे निचला स्तर पंचायत होता है। ‘पंचायत’ शब्द का अर्थ है लोगों की सभा। भारतीय उपमहाद्वीप में पंचायत की बहुत पुरानी परंपरा रही है। आधुनिक भारत में सरकार ने कई कामों का अधिकार पंचायत को दे दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सबसे निचले स्तर के लोगों को भी सरकार चलाने में भागीदारी मिल सके।
पंचायती राज के तीन स्तर
पंचायती राज के तीन स्तर निम्नलिखित हैं:
- ग्राम पंचायत या ग्राम स्तर का पंचायत
- पंचायत समिति या जनपद पंचायत या प्रखंड (ब्लॉक) स्तर का पंचायत
- जिला परिषद या जिला स्तर का पंचायत
ग्राम पंचायत का गठन चुने हुए सदस्यों द्वारा होता है। एक ग्राम पंचायत के सदस्य कई गांवों से या केवल एक गांव से चुनकर आते हैं। ग्राम पंचायत का कार्यकाल पाँच साल का होता है। हर पाँच साल पर चुनाव होते हैं।
पंच या वार्ड सदस्य: एक ग्राम पंचायत को कई वार्ड में बाँटा जाता है। हर वार्ड से एक सदस्य चुनकर आता है। ऐसे सदस्य को पंच या वार्ड सदस्य कहते हैं। एक पंच को अपने निर्वाचन क्षेत्र के हितों की देखभाल करनी होती है।
सरपंच: सभी पंच मिलकर एक नेता को चुनते हैं। यह नेता सरपंच या पंचायत प्रधान कहलाता है। ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता सरपंच करता है।
ग्राम सभा का सचिव: ग्राम सभा का सचिव चुनकर नहीं आता है। उसे सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। सचिव का काम है ग्राम सभा की बैठक बुलाना और बैठक का रिकॉर्ड रखना।
ग्राम सभा: ग्राम पंचायत के सभी वयस्कों की बैठक को ग्राम सभा कहते हैं। ग्राम पंचायत का हर वह व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है ग्राम सभा में शामिल हो सकता है।
ग्राम पंचाय के कार्य
- जन सुविधाओं का निर्माण और रख रखाव: ग्राम पंचायत का काम है जल का स्रोत, सड़कें, नालियाँ, स्कूल और अन्य जन सुविधाओं का निर्माण करवाना। ये सुविधाएँ किसी भी गांव के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
- स्थानीय कर निर्धारण और वसूली: ग्राम पंचायत कुछ स्थानीय कर भी वसूलती है। उदाहरण के लिए स्थानीय बाजार या हाट से ग्राम पंचायत कर वसूलती है।
- सरकारी योजनाओं का कार्यांवयन: गांव में रोजगार उत्पन्न करने के लिए सरकार कई योजनाएँ चलाती है। ऐसी योजनाओं के लिए आने वाली राशि सरकारी मशीनरी से होकर आती है। ग्राम पंचायत का काम है ऐसी योजनाओं को सही से अमल करवाना। मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी) ऐसी ही एक योजना का उदाहरण है।
पंचायत की आमदनी के स्रोत
- मकानों और बाजार से टैक्स
- जिला पंचायत द्वारा सरकारी योजनाओं के लिए मिलने वाली राशि
- सामुदायिक कार्यों के लिए मिलने वाला दान
ग्राम सभा के कार्य: ग्राम सभा का काम है ग्राम पंचायत के कार्यों की निगरानी करना। ग्राम सभा की बैठक के दौरान किसी को भी किसी भी गड़बड़ी के बारे में प्रश्न पूछने का अधिकार है। उदाहरण के लिए, गरीबी रेखा के नीचे (बी पी एल) की लिस्ट बनाते समय हो सकता है कि सरपंच किसी धनी व्यक्ति का नाम डाल दे या किसी गरीब का नाम हटा दे। हो सकता है कि हैंड पंप लगाने के लिए मिली राशि का गलत उपयोग हुआ हो।
पंचायत समिति
यह तहसील या तालुका या ब्लॉक स्तर की स्थानीय सरकार है। किसी भी तहसील के अंदर आने वाले हर गांव मिलकर पंचायत समिति का निर्माण करते हैं। पंचायत समिति का काम है ग्राम पंचायत और जिला परिषद के बीच कड़ी का काम करना।
पंचायत समिति का गठन: पंचायत समिति में चुने हुए सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कुछ अपूर्व दृष्ट सदस्य और कुछ सह सदस्य होते हैं। अपूर्व दृष्ट सदस्यों में उस क्षेत्र के सारे सरपंच, सांसद, विधायक और एस डी ओ (सब डिविजनल ऑफिसर) हो सकते हैं। सह सदस्यों में महिलाओं तथा अनुसूचित जाति जनजाति के प्रतिनिधि, कोई बड़ा किसान और सहकारी समिति के सदस्य हो सकते हैं। पंचायत समिति का गठन पाँच साल के लिए होता। इसकी अध्यक्षता के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते हैं।
जिला परिषद
पंचायती राज के शीर्ष पर जिला परिषद आता है। इसकी अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइ ए एस) का अधिकारी करता है। इसका काम है उस जिले में पड़ने वाले हर पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के कामों की निगरानी करना। जिले के लिए कई लोक कल्याण काम करवाने का जिम्मा भी जिला परिषद पर होता है।
ग्राम पंचायत का महत्व
ग्राम पंचायत के द्वारा लोगों के हाथों में सत्ता पहुँचती है। ऐसा माना जाता है कि स्थानीय समस्याओं और जरूरतों की सबसे अच्छी समझ जनता के पास होती है। अब हर समस्या के निबटारे के लिए प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री तो नहीं आ सकते। इसलिए अपनी स्थानीय समस्याओं को सुलझाने के लिए लोगों को कुछ शक्ति मिलनी ही चाहिए।
Questions and answers
प्रश्न 1: हरदास गाँव के लोग किन समस्याओं का सामना कर रहें थे? उन्होंने अपनी समस्याएँ सुलझाने के लिए क्या किया?
उत्तर: हरदास गाँव के लोग पानी की कमी की समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए सर्वप्रथम ग्राम-सभा में पंचायतों के साथ विचार विमर्श किया। लंबे विचार विमर्श के बाद लोगों ने सस्ता और स्थाई समाधान निकाला। तत्काल के लिए गाँव के लोग हैंडपम्प को और गहरा करने और कुँओं की सफाई करने के लिए राजी हो गए। पक्की व्यवस्था के लिए पानी को संरक्षित करने और पानी के ढाँचे को रिचार्ज करने पर जोर दिया गया।
प्रश्न 2: आपके विचार में ग्राम सभा का क्या महत्व है? क्या आपको लगता है कि सभी लोगों को ग्राम सभा की बैठक में भाग लेना चाहिए? क्यों?
उत्तर: ग्राम सभा का कार्य ग्राम पंचायत के कार्यों का अवलोकन करना होता है। ग्राम सभा पंचायत को मनमाने ढ़ंग से काम करने से रोकती है। ग्राम सभा की बैठक के दौरान सभी सदस्य को ग्राम पंचायत के गलत कार्यों और पैसों के दुरूपयोग के सम्बंध में सवाल उठाने का अधिकार होता है। इसलिए सभी लोगों को ग्राम सभा की बैठक में भाग लेना चाहिए। इससे किसी भी योजना को सही तरीके से कार्यान्वित किया जाता है। इस तरह ग्राम सभा चुने हुए प्रतिनिधियों पर नजर रखती है। साथ ही लोगों के प्रति जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 3: ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के बीच में क्या फर्क है?
उत्तर: ग्राम सभा एक पंचायत क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा होती है। जिस व्यक्ति की उम्र 18 साल या उससे उपर हो और जिसका नाम उस गाँव की मतदाता सूची में हो। वह ग्राम सभा का सदस्य होता है।
ग्राम पंचायत चुने हुए प्रतिनिधियों का समूह होता है। ग्राम पंचायत का सदस्य कई छोटे- छोटे गाँवों या किसी एक बड़े गाँव का हो सकता है। ग्राम पंचायत का कार्यकाल पाँच सालों का होता है। हर पाँच सालों पर पुन: चुनाव होता है।
प्रश्न 4: नीचे दी गई खबर को पढिए और फिर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
चौफुला-शिरूर सड़क पर एक गाँव है निमोन। दूसरे गाँवों की तरह पिछ्ले कई महीनों से इस गाँव में भी पानी की बहुत कमी चल रही है। गाँव वाले अपनी जरूरतो को पूरा करने के लिए टैंकर पर निर्भर हैं। इस गाँव के भगवान महादेव लाड (35 वर्ष) को सात लोगों ने मिलकर डंडे, लोहे की छड़ से बहुत पीटा। इस घटना का पता तब चला जब कुछ लोग बुरी तरह से घायल लाड को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए। पुलिस की रपट में लाड ने लिखवाया कि उस पर हमला तब हुआ जब उसने टैंकर का पानी टंकी में भरने पर जोर दिया। टंकी, निमोन ग्राम पंचायत की जल आपूर्ति योजना के तहत बनाई गई थी ताकि पानी का समान रूप से वितरण हो। परंतु लाड का आरोप था कि ऊंची जाति के लोग इस बात के खिलाफ थे। वे टैंकर के पानी पर दलित जाति का अधिकार नहीं मानते थे।
“ इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर, 1 मई 2004”
प्रश्न (क): भगवान लाड को पीटा क्यों गया?
उत्तर: जब भगवान लाड ने टैंकर का पानी टंकी में भरने पर जोर दिया तब लोगों ने उसे पीटा। क्योँकि उस गाँव के ऊँची जाति के लोग इसके खिलाफ थे। वे टैंकर के पानी पर दलित जाति का अधिकार नहीं मानते थे।
प्रश्न (ख): क्या आपको लगता है कि यह एक भेदभाव का मामला है? क्यों?
उत्तर: बेशक यह भेदभाव का मामला है। इस मामला में ऊँची जाति के लोग सारी सुविधा का फायदा उठाना चाहते थे। वहीं दूसरी तरफ वे लोग दलित जाति को किसी भी सुविधा यहाँ तक कि पानी जैसी मूलभूत सुविधा से भी वंचित रखना चाहते थे।
प्रश्न: जल संरक्षण और उसके फायदे के विषय में और जानकारी इकट्ठी कीजिए।
उत्तर: स्वयं कीजिए
Extra Questions Answers
प्रश्न 1: पंचायती राज क्या है?
उत्तर: पंचायती राज व्यवस्था लोकतांत्रिक सरकार की पहली सीढ़ी है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोग अपनी सरकार में हिस्सा लेते हैं।
प्रश्न 2: पंच या वार्ड पंच किसे कहते हैं?
उत्तर: एक ग्राम पंचायत कई वार्डों में बँटा होता है। प्रत्येक वार्ड से एक प्रतिनिधि चुना जाता है। जिसे वार्ड पंच कहा जाता है।
प्रश्न 3: पंचायत के कितने स्तर होते हैं?
उत्तर: पंचायत के तीन स्तर होते हैं। जो निम्नलिखित है:
- ग्राम पंचायत
- विकासखंड पंचायत या जनपद पंचायत या पंचायत समिति
- जिला पंचायत या जिला परिषद्
प्रश्न 4: ग्राम पंचायत के क्या कार्य होते हैं?
उत्तर: ग्राम पंचायत के निम्नलिखित कार्य होते हैं:
- सार्वजनिक उपयोग के भवनों, स्कूलों, सड़कों, नालों, पानी के स्श्रोतों आदि का निर्माण और उसका रख-रखाव करना।
- स्थानीय कर लगाना और उसे इकट्ठा करना।
- गाँव के लोगों को रोजगार मुहैया कराने संबंधी सरकारी योजनाएँ लागू करना।
प्रश्न 5: ग्राम पंचायत की आमदनी के क्या स्रोत हैं?
उत्तर: ग्राम पंचायत के आमदनी के निम्नलिखित स्रोत हैं:
- घरों और बाजारों पर लगाए गए करों से वसूली गई राशि
- सरकारी विभागों द्वारा चलाई गई योजनाओं की राशि
- समुदाय के काम के लिए मिलने वाली दानराशि
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