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विविधता एवं भेदभाव /Pol sc chep 02 ✍️ AGT

विविधता एवं भेदभाव


भारत में विविधता के उदाहरण

दुनिया में 8 मुख्य धर्म हैं और भारत में इन सभी धर्मों के अनुयायी रहते हैं। भारत में 1600 से अधिक भाषाएँ और उनसे भी अधिक बोलियाँ बोली जाती हैं। भारत में एक सौ से अधिक प्रकार के नृत्य हैं। भारत के विभिन्न भागों में भित्तिचित्र की विभिन्न शैलियाँ देखने को मिलती हैं।

पूर्वाग्रह

जब कोई किसी के बारे में पहले ही कोई नकारात्मक धारणा बना लेता है तो ऐसी सोच को पूर्वाग्रह कहते हैं। हम अक्सर अपने से भिन्न दिखने वाले लोगों के प्रति कोई न कोई पूर्वाग्रह पाल लेते हैं। यह भिन्नता कई तरह की हो सकती है; जैसे कि शक्ल सूरत, खान-पान, परिधान, बोलने का लहजा, आदि।

ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वे अपने जैसे लोगों के बीच आत्मीयता पाते हैं। जब हमें कोई ऐसा समूह मिल जाता है जो हमारी तरह नहीं होता है तो हमें सुकून नहीं लगता।

भारत की विविधता के कारण यहाँ विभिन्न क्षेत्रों के लोग बिलकुल अलग-अलग दिखते हैं। वे न केवल शक्ल सूरत से अलग दिखते हैं बल्कि उनका खान-पान, बोली और परिधान भी अलग होते हैं। विविधता के कारण होने वाले पूर्वाग्रहों के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।

  • जब पूर्वोत्तर राज्यों का कोई व्यक्ति दिल्ली में घूमता है तो स्थानीय लोग उसे अजीब नजर से देखते हैं। आपको अक्सर दिल्ली या बंगलोर में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को सताये जाने के समाचार सुनने को मिलते होंगे।
  • जब दक्षिण भारत का कोई भी आदमी उत्तरी भारत में जाता है तो लोग उसे मद्रासी कहकर बुलाते हैं। बिहार के लोगों को अक्सर मंदबुद्धि का समझा जाता है और महानगरों में उसका मखौल उड़ाया जाता है।
  • गांव से आये व्यक्ति को अक्सर अनपढ़, गंवार और गंदगी पसंद माना जाता है। शहरी आदमी को अक्सर लोभी और चालाक समझा जाता है। लोगों को लगता है कि शहरी आदमी के मन में रिश्तों नातों की कोई इज्जत नहीं होती है।

अधिकतर मामलों में पूर्वाग्रह से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन कई बार पूर्वाग्रह से ग्रसित बरताव से किसी को भारी नुकसान हो सकता है। जब आप पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी के साथ बुरा बरताव करते हैं तो इससे उस व्यक्ति के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है।

रूढ़िबद्ध धारणा

जब हम किसी व्यक्ति को एक खास छवि में बांध देते हैं या उसके बारे में पहले से कोई धारणा पाल लेते हैं तो इसे रूढ़िबद्ध धारणा कहते हैं। रूढ़िबद्ध धारणा के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।

आदर्श लड़की: ऐसा माना जाता है कि लड़कियों को धीमी आवाज में बात करनी चाहिए और सब की बात माननी चाहिए। लड़कियों को संगीत और चित्रकला में रुचि लेनी चाहिए। लड़कियाँ बात बात पर रो देती हैं। लड़कियों के लिए जरूरी है कि वे खाना बनाना, साफ सफाई करना और घर के काम काज करना सीखें।

आदर्श लड़का: लड़के नटखट और गुस्सैल होते हैं। लड़कों का मन खेलकूद और भागदौड़ में अधिक लगता है। लड़कों को रोना नहीं चाहिए क्योंकि रोना तो कमजोरी की निशानी है। हर लड़के को बड़े होकर पैसे कमाना होता है और परिवार पालना होता है।

लिंग पर आधारित रूढ़िबद्ध धारणाओं को अक्सर फिल्मों, विज्ञापनों और टेलिविजन धारावाहिकों में दिखाया जाता है। डिटर्जेंट, वाशिंग मशीन, साबुन, आदि के लगभग सभी विज्ञापनों में मुख्य भूमिका में महिला को दिखाया जाता है। मोटरसाइकिल के विज्ञापन में अक्सर किसी पुरुष को स्टंट करते हुए दिखाया जाता है।

लिंग पर आधारित रूढ़िवादी धारणाओं के साथ साथ हमें धर्म, जाति और मूल स्थान के आधार पर भी रूढ़िवादी धारणाएं देखने को मिलती हैं।

असमानता एवं भेदभाव

जब कोई पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बरताव करता है तो इससे भेदभाव हो सकता है। किसी भी व्यक्ति को धर्म, जाति, लिंग या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी सुविधा से वंचित रखने को भेदभाव कहते हैं। भेदभाव के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।

लैंगिक भेदभाव: कुछ गांवों में लड़कियों को पाँचवीं या छठी कक्षा के बाद पढ़ने नहीं दिया जाता है। ज्यादातर लड़कियों को पढ़ाई के बाद कोई रोजगार करने नहीं दिया जाता है, बल्कि उन्हें शादी के लिए बाध्य किया जाता है। कई परिवारों में लड़के तो पश्चिमी परिधान पहनते हैं लेकिन लड़कियों को पश्चिमी परिधान पहनने की इजाजत नहीं होती है।

धार्मिक भेदभाव: कई बार किसी खास धर्म का होने के कारण कई लोगों को नौकरी नहीं दी जाती है। धर्म के कारण लोगों को कुछ खास सार्वजनिक स्थानों (खासकर से पूजा के स्थलों) पर जाने की अनुमति नहीं होती है।

जातिगत भेदभाव: भारत में जाति व्यवस्था काफी पुरानी है। इस व्यवस्था के अनुसार लोगों को अलग-अलग जातियों में बाँटा गया है। हर जाति के व्यक्ति के लिए अलग-अलग काम निर्धारित हैं। जैसे, महार जाति में पैदा हुआ व्यक्ति केवल कूड़ा साफ करने और मरे हुए जानवरों को गांव से हटाने के लिए बना है। पढ़ लिख लेने के बाद भी लोग अपना पेशा नहीं बदल सकते थे।

डा. बी आर अम्बेदकर महार जाति के थे। बचपन से ही उन्हें कई तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ा था। आज भी अछूत जाति के लोग गांवों और छोटे शहरों में कई तरह के भेदभाव के शिकार होते हैं। अछूत जाति के व्यक्ति को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है। वह गांव के कुंए से पानी नहीं ले सकता है।

जाति प्रथा की जड़ें इतनी गहरी थीं कि उस पर आधारित सामाजिक ढ़ाँचे से बाहर निकलना बहुत मुश्किल था। कुम्हार का बेटा कुम्हार का ही काम कर सकता था। मोची का बेटा मोची का ही काम कर सकता था। धार्मिक अनुष्ठान कराने का अधिकार केवल ब्राह्मणों को था। ऊँची जाति के लोगों द्वारा आयोजित अनुष्ठानों में नीची जाति के लोगों का जाना भी वर्जित था।

समानता की लड़ाई

हमारे कई स्वाधीनता सेनानियों ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। गांधीजी ने अछूत जाति के लोगों को ‘हरिजन’ का नाम दिया। उन्होंने लोगों के मन से पूर्वाग्रह मिटाने के लिए अथक प्रयास किये। इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वालों में भीमराव अम्बेदकर का नाम भी आता है।

जब भारत आजाद हुआ तो उस समय के गणमान्य नेताओं ने एक नये देश का निर्माण कार्य शुरु किया। जातिगत भेदभाव को संविधान में एक अपराध घोषित किया गया। संविधान में इस बात का प्रावधान भी किया गया कि दलितों का उत्थान किया जाये। संविधान में भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाया गया। इसका मतलब है कि भारत में कोई आधिकारिक धर्म नहीं है। कानून की दृष्टि में सभी धर्म एक समान हैं। कोई व्यक्ति धर्म या जाति के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं कर सकता है।

प्रश्न 1: निम्नलिखित कथनों का मेल कराइए। रूढिबद्ध धारणाओं को कैसे चुनौती दी जा रही है, इस पर चर्चा कीजिए

कॉलम Iकॉलम II
(क) दो डॉक्टर खाना खाने बैठे थे और उनमें से एक ने मोबाइल पर फोन करके1. दमा का पुराना मरीज है।
(ख) जिस बच्चे ने चित्रकला प्रतियोगिता जीती, वह मंच पर2. एक अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना अंतत: पूरा हुआ।
(ग) संसार के सबसे तेज धावकों में से एक3. अपनी बेटी से बात की जो उसी समय स्कूल से लौटी थी।
(घ) वह बहुत अमीर नहीं थी, लेकिन उसका4. पुरस्कार लेने के लिए एक पहियोंवाली कुर्सी पर गया।

उत्तर: (क) दो डॉक्टर खाना खाने बैठे थे और उनमें से एक ने मोबाइल पर फोन करके अपनी बेटी से बात की जो उसी समय स्कूल से लौटी थी।

व्याख्या: डॉक्टर एक महिला है और उसकी बेटी भी स्कूल जा रही है। ये तथ्य लिंग भेद के रूढिवादी धारणाओं को चुनौती देती है।

(ख) जिस बच्चे ने चित्रकला प्रतियोगिता जीती, वह मंच पर पुरस्कार लेने के लिए एक पहियोंवाली कुर्सी पर गया।

व्याख्या: कुछ लोगों की धारणा होती है कि विकलांग बच्चों में कोई प्रतिभा नहीं होती है। उसका लोग मजाक उड़ाते हैं। लेकिन जब चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता बच्चा एक पहियोंवाली कुर्सी पर बैठकर पुरस्कार लेने के लिए मंच पर गया तो लोगों की रूढीवादी धारणा को ध्क्का लगा।

(ग) संसार के सबसे तेज धावकों में से एक दमा का पुराना मरीज है।

व्याख्या: पूर्वाग्रहो से ग्रसित लोगों में यह भावना बनी होती है कि दमा का पुराना मरीज फुर्ति से कोई शारीरिक क्रिया-कलाप नहीं कर सकते हैं। लेकिन बहुत सारे खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान बनाकर इस मिथक को झूठला दिया है।

(ङ) वह बहुत अमीर नहीं थी, लेकिन उसका एक अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना अंतत: पूरा हुआ।

व्याख्या: अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना पूर करने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने और विदेश जाने के लिए बहुत खर्च लगता है। फिर भी कुछ मध्यम और निम्न वर्ग के लोग भी अपने सपने को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश कर सफलता प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 2: लड़कियाँ माँ-बाप के लिए बोझ है, यह रूढिबद्ध धारणा एक लड़की के जीवन को किस तरह प्रभावित करती है? उसके अलग-अलग पांच प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: भारत के बहुत सारे हिस्सों में लड़कियों को माँ-बाप के लिए बोझ समझा जाता है। इस कारण लड़कियों के जीवन पर उल्टा(बुरा) प्रभाव पड़ता है। एक लड़की के माता-पिता और उसके रिश्तेदार हमेशा उसकी कुछ न कुछ आलोचना करते रहते हैं। इन रूढ़िवादी धारणाओं के कारण लड़कियों के साथ उन्हीं के घर में भेदभाव का व्यवहार किया जाता है। जो निम्नलिखित है:

  • उसे प्रचुर मात्रा में पोषण नही मिल पाता है, बल्कि उसके हिस्से का पोषित भोजन भी लड़कों को दे दिया जाता है।
  • उसे पढने के लिए स्कूल नहीं भेजा जाता है। अगर भेजा भी जाता है तो बस प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए।
  • लड़कियों को बचपन का आनंद उठाने नहीं दिया जाता है, बल्कि उसे बचपन में ही घर के कामों में लगा दिया जाता है।
  • बीमार पड़ने पर उसे उचित चिकित्सा सेवा भी नहीं मिल पाती है।
  • लड़कियों को कम उम्र में ही शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है।

प्रश्न 3: भारत का संविधान समानता के बारे में क्या कहता है? आपको यह क्यों लगता है कि सभी लोगों में समानता होना जरूरी है?

उत्तर: भारत के संविधान के अनुसार यहाँ के सभी नागरिक को जाति, धर्म, भाषा और अभिव्यक्ति की समानता का अधिकार है। चूकि भगवान की नजरों में हम सभी का जन्म समान रूप से हुआ, इसलिए सभी इंसान को समान रूप से देखना चाहिए। सभी इंसान को सामान रूप से शिक्षा और पेशा का अधिकार मिलना चाहिए। किसी के भी साथ पक्षपात नहीं करना चाहिए बल्कि समान व्यवहार करना चाहिए। न ही किसी को सरकारी सुविधा का विशेषाधिकार मिलना चाहिए। समान व्यवहार से सभी लोगों में प्यार और विश्वास की भावना पनपती है।


प्रश्न 4: कई बार लोग हमारी उपस्थिति में ही पूर्वाग्रह से भरा आचरण करते हैं। ऐसे में अक्सर हम कोई विरोध करने की स्थिति में नहीं रहते, क्योंकि ऐसे में मुँह पर तुरंत कुछ कहना मुश्किल जान पड़ता है। अपनी कक्षा को दो समूहो में बाँटिए और प्रत्येक समूह इस पर चर्चा करें कि दी हुई परिस्थिति में वे क्या करेंगे:

(क) गरीब होने के कारण एक सहपाठी को आपका दोस्त चिढ़ा रहा है।

उत्तर: हमलोगों को इस तरह दूसरों को सताने वाले दोस्त या इंसान को सर्वप्रथम यह समझाना चाहिए कि इस मजाक से आपके सहपाठी को बहुत दु:ख होता है। फिर भी अगर वो न समझे तो अपने शिक्षक से इस बारे में बात करना चाहिए।

(ख) आप अपने परिवार के साथ टीवी देख रहे हैं और उनमें से कोई खास सदस्य किसी खास धार्मिक समुदाय पर पूर्वाग्रहग्रस्त टिप्पणी करता है।

उत्तर: हमें अपने परिवार के सदस्य से हर धार्मिक समुदाय के प्रति श्रद्धा की भावना बनाए रखने की गुजारिश करनी चाहिए। हमें अपने धर्म के अलावा और दूसरे धर्म की अच्छाइयों के बारे में उन्हें समझाना चाहिए। साथ ही हमें यह भी समझाना चाहिए सभी धर्म का सार एक ही है वो है हर इंसान से प्यार करो।

(ग) आपकी कक्षा के बच्चे एक लड़की के साथ खाना खाने से इंकार कर देते हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि वह गंदी है।

उत्तर: सबसे पहले मैं उसके साथ बैठूँगी और उसके साथ खाना खाऊँगी। मेरे ऐसे व्यवहार को देखकर और भी बच्चों का व्यवहार बदलेगा और वे उसे सम्मान देने को विवश हो जाएँगे।

(घ) किसी समुदाय के खास उच्चारण का मजाक उड़ाते हुए कोई आपको चुटकला सुनाता हैं।

उत्तर: सबसे पहले हमें उस आदमी को किसी भी समुदाय के खास उच्चारण का मजाक नहीं उड़ाने के लिए विनती करना चाहिए। साथ ही उसे यह भी समझाना चाहिए कि इस रूढ़िवादी तुच्छ व्यव्हार से क्या नुकसान होता है?

(ङ) लड़के, लड़कियों पर टिप्पणी कर रहें हैं कि लड़कियाँ उनकी तरह नहीं खेल सकतीं।

उत्तर: मैं उन सारी खिलाड़ी लड़कियों का शॉर्ट नोट्स के साथ एक सूचीपत्र बनाऊँगी, जो बहुत सारे खेल में अपना वर्चस्व स्थान बना चुकी है। जैसे-पी वी सिंधु, मैरी कौम और मिथाली राज आदि। उन सारे लड़के को दिखाऊँगी।

प्रश्न 5: पूर्वाग्रह किसे कहते हैं?

उत्तर: जब हम किसी के बारे में पहले से कोई राय बना लते हैं और उसे अपने दिमाग में बिठा लेते हैं। इसे पूर्वाग्रह कहते हैं।

प्रश्न 6: रूढ़िवादी धारणाएँ किसे कहते है?

उत्तर: जब हम सभी लोगों को एक ही धारणा में बाँध देते हैं या उनके बारे में पक्की धारणा बना लेते हैं, तो उसे रूढ़िवादी धारणाएँ कहते हैं?

Extra Questions

प्रश्न 1: भेदभाव से आप क्या समझते हैं? एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर: किसी भी व्यक्ति को धर्म, जाति, लिंग या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी सुविधा से वंचित रखने को भेदभाव कहते हैं। उदाहरण: कुछ गांवों में पंचायत की तरफ से फैसला सुना दिया जाता है कि लड़कियाँ जींस नहीं पहनेंगी और मोबाइल फोन नहीं रखेंगी।

प्रश्न 2: दलितों के साथ किस तरह का भेदभाव होता है?

उत्तर: दलितों के साथ गांवों और छोटे शहरों में कई तरह के भेदभाव के शिकार होते हैं। दलित व्यक्ति को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है। वह गांव के कुंए से पानी नहीं ले सकता है। वह किसी ऊँची जाति के व्यक्ति के सामने जूते चप्पल पहनकर नहीं जा सकता है।

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