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विविधता की समझ /Pol sc chep 01 ✍️ AGT

विविधता की समझ


विविधता: लोगों के बीच धर्म, भाषा, खान-पान, आदि के आधार पर होने वाली भिन्नता को विविधता कहते हैं।

एक आदमी किसी एक धर्म को मानता है तो दूसरा आदमी किसी अन्य धर्म को। अलग-अलग लोग अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। एक ही भाषा बोलने वाले लोगों में भी अलग-अलग लोगों के उच्चारण अलग किस्म के होते हैं। उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों के लोग हिंदी बोलते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों की हिंदी मध्य प्रदेश के लोगों की हिंदी से अलग होती है।

लोगों के खान पान में भी विविधता देखने को मिलती है। कुछ लोग शाकाहारी भोजन करते हैं तो कुछ मांसाहारी भोजन। गुजरात के अधिकतर लोग शाकाहारी होते हैं। पश्चिम बंगाल के अधिकतर लोग मांसाहारी होते हैं।

विविधता के लाभ: विविधता से जीवन में कई लाभ हैं। विविधता से हमारे जीवन में कई रंग आ जाते हैं। हम संस्कृति के विभिन्न पहलुओं और प्रकारों का सम्मान करना सीखते हैं। विविधता के कारण हम अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचना सीख लेते हैं। यदि विविधता नहीं होती तो जीवन उबाऊ हो जाता।

विविधता के कारण

विविधता दो मुख्य कारणों से प्रभावित होती है: ऐतिहासिक और भौगोलिक कारण।

विविधता पर भूगोल का प्रभाव

भूगोल हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। भूगोल से यह तय होता है कि हमारी शक्ल कैसी है, हम क्या खाते हैं और हम क्या पहनते हैं। भारत में भौगोलिक विविधता प्रचुर मात्रा में है। भौगोलिक लक्षणों के कारण होने वाली विविधताओं के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।

  • जम्मू और कश्मीर हिमालय के निकट होने के कारण एक ठंडी जगह है। इसलिए यहाँ के लोग अक्सर गोरे और लंबे होते हैं। ठंडी जलवायु के कारण लोग गर्म कपड़े पहनते हैं।
  • दक्षिण भारत की जलवायु गर्म और नम होती है। इसलिये दक्षिण भारत के लोग अक्सर गहरे रंग के और मध्यम लंबाई के होते हैं। यहाँ के लोग अक्सर वेस्ती (लुंगी) पहनते हैं। यहाँ के लोग चावल खाते हैं और उनके अधिकतर व्यंजनों में नारियल का इस्तेमाल होता है।
  • पश्चिम बंगाल में भी गर्म और नम जलवायु होती है। इसलिए पूर्वी भारत के अधिकतर लोगों की त्वचा भूरी या गहरी होती है। यहाँ के लोग मुख्य रूप से चावल और मछली खाते हैं।
विविधता पर इतिहास का प्रभाव

विविधता पर इतिहास का भी गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे भोजन में इस्तेमाल होने वाली अधिकतर चीजें अलग-अलग देशों से आई हैं। आज आप लोग नूडल बहुत चाव से खाते हैं। नूडल चीन से आया है। लेकिन नूडल के लोकप्रिय होने से सैंकड़ों वर्षों पहले से यहाँ सेवियाँ खाई जाती हैं। ये भी नूडल का ही एक रूप है। आलू, टमाटर, लाल मिर्च और कई अन्य सब्जियाँ अलग-अलग देशों से आई हैं।

आदि काल से ही लोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करते आये हैं। अधिकतर लोग व्यापार के लिए यात्रा करते थे। लेकिन कुछ लोग तीर्थ करने के लिए भी यात्रा करते थे। ऐसे लोग अपने साथ अपना खानपान, पोशाक, संस्कृति और धर्म को भी ले जाते थे।स्थानीय लोग इनमें से कुछ बातों का समावेश अपने जीवन में कर लेते थे। इस तरह से लोग नये तरह के भोजन और पोशाक का इस्तेमाल करने लगे। कई लोगों ने नये धर्म को भी अपना लिया। नीचे लद्दाख और केरल के उदाहरण दिये गये हैं, जिनसे इस बात का पता चलता है।

लद्दाख

लद्दाख ठंडा मरुस्थल है जो कश्मीर के पूर्वी भाग में स्थित है। यहाँ पर साल के अधिकांश दिनों में बर्फ छाई रहती है, इसलिए यहाँ नाममात्र की खेती होती है। लोगों का मुख्य पेशा है भेड़, बकरियाँ और याक पालना। इन जानवरों के दूध और मांस से ये लोग अपना काम चलाते हैं। इन जानवरों के बालों से ये लोग ऊन बनाते हैं और बेचते हैं। लद्दाख के लोद पश्मीना शाल बनाते हैं और उन्हें कश्मीर के व्यापारियों को बेच देते हैं।

प्राचीन काल से ही लद्दाख महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग पर रहा है। इसलिए दुनिया के अलग-अलग कोनों से यात्री यहाँ आते रहे हैं। इन लोगों का लद्दाख के लोगों से संपर्क हुआ। इसलिए इस क्षेत्र में इस्लाम धर्म सैंकड़ों साल पहले आ गया। आज भी इस क्षेत्र में मुसलमानों की अच्छी खासी आबादी है। इस क्षेत्र में बुद्ध धर्म के अनुयायियों की भी अच्छी संख्या है।

केरल

भारत के दक्षिणी छोर पर केरल स्थित है। प्राचीन काल से ही केरल व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापारी यहाँ मसाले का व्यापार करने आते थे। इन्हीं व्यापारियों के कारण केरल में लगभग 2000 वर्ष पहले इसाई धर्म आया। इसी प्रकार, अरब के व्यापारियों के कारण यहाँ इस्लाम धर्म आया। यूरोप और भारत के बीच समुद्री मार्ग ढ़ूंढ़ने वाला पहला व्यक्ति एक पुर्तगाली था जिसका नाम था वास्को डी गामा। उसका जहाज केरल में ही आया था। उसके बाद भारत में यूरोपीय संस्कृति आई। केरल में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं; जैसे यहूदी, इसाई, इस्लाम, हिंदू और बौद्ध।

केरल के तटीय इलाकों में जो मछली का जाल इस्तेमाल होता है वह चीन के जाल जैसा दिखता है। इसे केरल में चीन-वला कहते हैं। तलने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले एक बरतन का नाम है चीनाचट्टी। इन चीजों से पता चलता है कि केरल और चीन के बीच बहुत ही पुराना संपर्क रहा है।

भारत में विविधता

भारत विविधताओं से भरा देश है। भारत में लगभग हर मुख्य धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। अलग अलग धर्म को मानने वाले कई मायनों में एक दूसरे से अलग होते हैं; जैसे रीति रिवाज, त्योहार, मान्यताएँ, खान-पान और पारंपरिक परिधान। इतनी अधिक विविधता के कारण हमारा देश सांस्कृतिक भिन्नताओं का धनी है।

विविधता में एकता

जवाहरलाल नेहरु ने सबसे पहले ‘अनेकता में एकता’ का इस्तेमाल किया था। नेहरु ने इन शब्दों का इस्तेमाल इसलिए किया था क्यों विविधता ही हमारे देश की शक्ति साबित हुई थी। जब अंग्रेज यहाँ आये थे तो उन्हें लगता था कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश पर शासन करना आसान होगा। उन्होंने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति भी अपनाई। लेकिन भारत के अधिकांश लोगों ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों को भुलाकर अंग्रेजों से लोहा लिया। अनेकता में एकता के कारण ही हमलोग अंग्रेजी राज को यहाँ से उखाड़ने में सफल हुए।

आज भी हम कई संस्कृतियों का समावेश करते रहते हैं। हम दुनिया के भिन्न-भिन्न व्यंजनों को अपना रहे हैं। हम दुनिया के अलग-अलग भागों की पोशाकों को अपना रहे हैं। विविधता के कारण ही आज का भारत एक जिंदादिल देश है।

Questions and answers

प्रश्न 1: अपने इलाके में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों की एक सूची बनाइए। इनमें से कौन-से त्योहार विभिन्न सभी समुदायों द्वारा मनाए जाते हैं?

उत्तर: हमारे इलाके में लगभग सभी तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे-होली, दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ, गुरु पर्व, ईद, बकरीद, क्रिसमस, पोंगल, रथ यात्रा, आदि। होली, दिवाली और दुर्गा पूजा प्रमुखत: हिन्दुओं का त्योहार है, जो पूरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन हमारे इलाके में मुस्लिम और इसाई पड़ोसी भी इस त्योहार में शामिल होते हैं। उसी तरह हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और इसाई सभी मिलकर क्रिसमस और ईद मनाते हैं। उसी तरह रथ यात्रा मुख्यत: उड़िसा में मनाया जाता है। लेकिन जब उड़िया लोग रथ यात्रा निकालते हैं तो सभी पड़ोसी उसमें भाग लेने की कोशिश करते हैं। जब सिक्ख लोग लोहड़ी मनाते है तो सभी समुदाय के लोग इस उत्सव का मजा लेते हैं। छ्ठ पूजा मुख्यरूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है। लेकिन हमारे इलाके में जिस तालाब पर छ्ठ पूजा मनाई जाती है। इसे देखने के लिए हर समुदाय और हर वर्ग के लोग उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 2: आपके विचार में भारत की समृद्ध और विविध विरासत आपके जीवन को कैसे बेहतर बनाती है?

उत्तर: हम जिस इलाके में रहते हैं, वहाँ भारत के लगभग सभी क्षेत्र और समुदाय के लोग निवास करते हैं। यहाँ का माहौल एक छोटे भारत की तरह लगता है। जिससे मुझे उन सभी के खान-पान, रहन-सहन, पर्व त्योहार को जानने और समझने का अवसर मिला। भारत के विभिन्न क्षेत्रो के लोगों से मिलने से पूरे भारत को देखने और समझने का मौका मिला। इससे नई-नई चीजों की जानकारी प्राप्त हुई। जिसके फलस्वरूप सभी धर्म, जाति और क्षेत्र के प्रति आदर की भावना जागृत हुई।

प्रश्न 3: आपके अनुसार ‘अनेकता में एकता’ का विचार भारत के लिए कैसे उपयुक्त है? भारत की खोज किताब से लिए गए इस वाक्यांश में नेहरू भारत की एकता के बारे में क्या कहना चाह रहे हैं?

उत्तर: हमारे विचार से ‘अनेकता में एकता’ का विचार भारत के लिए बहुत उपयुक्त है। भारत की खोज किताब में जवाहर लाल नेहरू ने लिखा है कि भारतीय एकता बाहर से थोपी हुई चीज नहीं है, बल्कि “यह बहुत गहरी है जिसके अंदर अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना है। इसमें विविधता को पहचाना और प्रोत्साहित किया जाता है।” इन सारे तत्वों का वर्णन करते हुए उन्होंने ही ‘अनेकता में एकता’ के विचार से हमें अवगत कराया।

नेहरू जी के कहने का मतलब था कि भारत में एकता किसी बाहरी शक्ति द्वारा नही थोपी गई है। इसकी नींव बहुत गहरी है। अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना के कारण यह बहुत वर्षों में विकसित हुआ है। भारत हमेशा से विभिन्न सभ्यता और संस्कृति को अपनाता रहा है। सदियों से यहाँ के लोग विभिन्न तरह की आस्था में विश्वास रखते आ रहे हैं।

प्रश्न 4: जालियाँवाला बाग हत्याकांड के ऊपर लिखे गए गाने की उस पंक्ति को चुनिए जो आपके अनुसार भारत की एकता को निश्चित रूप से झलकाती है।

उत्तर: मेरे विचार से जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उपर लिखे गए गाने में निम्नलिखित पंक्ति में भारत की एकता की निश्चित रूप से झलक मिलती है।

हिंदू औ’ मुस्लिमों की, होती है आज होली
बहते हैं एक रंग में, दामन भीगो के जना

इतिहास की किताबों में यह उल्लेख मिलता है कि जलियाँवाला बाग में उस दिन सभी समुदायों के लोग वैशाखी के मेले में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। उस दिन लोग निहत्थे शांतिपूर्ण सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में सभा कर रहे थे। उसी समय उस निहत्थी भीड़ पर गोला बारूद चलाए जाने लगे। सभी समुदाय के लोगों ने मौत आने तक अपनी एकता का प्रदर्शन किया।

प्रश्न 5: लद्दाख और केरल की तरह भारत का कोई एक क्षेत्र चुनिए और अध्ययन कीजिए कि कैसे उस क्षेत्र की विविधता को ऐतिहासिक और भौगोलिक कारकों ने प्रभावित किया है। क्या ये ऐतिहासिक और भौगोलिक कारक आपस में जुड़े हुए हैं?

उत्तर: इसके लिए हम दिल्ली का उदाहरण ले सकते हैं। इस शहर का इतिहास लगभग 900 साल से सत्ता के संघर्ष का इतिहास रहा है। यहाँ मुस्लिम शासन की शुरूआत लगभग 1200 ईo से शुरू हुई थी। वे अपने साथ विभिन्न तरह के खाने, कपड़े और कला जैसे-वास्तुकला, शिल्पकला आदि लाए। दिल्ली सल्तनत का अंत लगभग 1500 ईo में हुआ। उसी समय यहाँ मुगल शासन की शुरूआत हुई। जो कि ब्रिटिश शासन के शक्तिशाली होने तक रहा। इस तरह 500 सालों तक भारत के ज्यादातर हिस्सों में मुगल शासन रहा। मुस्लिम शासकों का प्रभाव हमारे दिन प्रतिदिन की जिंदगी में देखने को मिलता है। ज्यादतर लोकप्रिय भोजन जैसे-पूरी, हलवा, पराठा, समोसा, शरबत और विभिन्न तरह के मांसाहारी भोजन उन्हीं की देन है। हिन्दी बोलचाल की भाषा में हमलोग बहुत सारे अरबी शब्द जैसे-दोस्त(मित्र‌‌), कमरा(कक्ष), दरवाज़ा(द्वार), खून(रक्त), कानून(नियम) का इस्तेमाल करते हैं। आज जो हम सबसे प्रचलित परिधान सलवार कुर्ता पहनते हैं, ये भी मुगल शासकों की देन है।

उसी तरह ब्रिटिश शासकों का असर भी देखने को मिलता है। आज बहुत सारे भारतीय जो अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, ये सब उन्हीं की देन है। यह सब 200 सालों के शासन का असर है। आज के समय में जो लोग खाने के लिए काँटे और चाकू का इस्तेमाल करतें हैं। चिकन टिक्का मसाला, पेस्ट्री आदि जो हम खाते है, ये उन्हीं के शासन का असर है। आज का जो भारतीयों का पहनावा जैसे- पैंट, शर्ट, सूट और स्कर्ट है, ये बदलाव ब्रिटिश शासन के कारण आया है।

प्रश्न 1: विविधता की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: लोगों के बीच धर्म, भाषा, खान-पान, आदि के आधार पर होने वाली भिन्नता को विविधता कहते हैं।

प्रश्न 2: विविधता से क्या लाभ हैं?

उत्तर: विविधता से जीवन में कई लाभ हैं। विविधता से हमारे जीवन में कई रंग आ जाते हैं। हम संस्कृति के विभिन्न पहलुओं और प्रकारों का सम्मान करना सीखते हैं। विविधता के कारण हम अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचना सीख लेते हैं। यदि विविधता नहीं होती तो जीवन उबाऊ हो जाता।

प्रश्न 3: विविधता के दो प्रमुख कारक क्या हैं?

उत्तर: विविधता के दो प्रमुख कारक हैं: ऐतिहासिक कारक और भौगोलिक कारक।

प्रश्न 4: भौगोलिक कारक किस तरह से विविधता को प्रभावित करते हैं? एक उदाहरण देते हुए समझाएँ।

उत्तर: भूगोल हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। भूगोल से यह तय होता है कि हमारी शक्ल कैसी है, हम क्या खाते हैं और हम क्या पहनते हैं। जम्मू और कश्मीर हिमालय के निकट होने के कारण एक ठंडी जगह है। इसलिए यहाँ के लोग अक्सर गोरे और लंबे होते हैं। ठंडी जलवायु के कारण लोग गर्म कपड़े पहनते हैं।

प्रश्न 5: व्यापार ने किस तरह विविधता लाने में मदद की है?

उत्तर: आदि काल से ही लोग व्यापार और तीर्थ के लिए यात्रा करते रहे हैं। ऐसे लोग अपने साथ अपना खानपान, पोशाक, संस्कृति और धर्म को भी ले जाते थे। स्थानीय लोग इनमें से कुछ बातों का समावेश अपने जीवन में कर लेते थे। इस तरह से लोग नये तरह के भोजन और पोशाक का इस्तेमाल करने लगे। कई लोगों ने नये धर्म को भी अपना लिया। इस तरह से व्यापार ने विविधता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

6: केरल में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग कैसे आये?

उत्तर: प्राचीन काल से ही केरल व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापारी यहाँ मसाले का व्यापार करने आते थे। इन्हीं व्यापारियों के कारण केरल में लगभग 2000 वर्ष पहले इसाई धर्म आया। इसी प्रकार, अरब के व्यापारियों के कारण यहाँ इस्लाम धर्म आया। इसलिए केरल में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं; जैसे यहूदी, इसाई, इस्लाम, हिंदू और बौद्ध।

प्रश्न 7: आप कैसे कह सकते हैं कि भारत विविधताओं से भरा हुआ है?

उत्तर: भारत विविधताओं से भरा देश है। भारत में लगभग हर मुख्य धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। अलग अलग धर्म को मानने वाले कई मायनों में एक दूसरे से अलग होते हैं; जैसे रीति रिवाज, त्योहार, मान्यताएँ, खान-पान और पारंपरिक परिधान। इतनी अधिक विविधता के कारण हमारा देश सांस्कृतिक भिन्नताओं का धनी है।

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