अशोक महान
मौर्य साम्राज्य
लगभग 2300 वर्ष पहले चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। मौर्य साम्राज्य का काल 322 ई पू से 185 ई पू तक था। चाणक्य नाम के एक ब्राह्मण की मदद से चंद्रगुप्ता मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी। चाणक्य ने अपनी पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ में राजनीति और शासन के बारे में बहुत ही रोचक और सटीक बातें लिखी है। मौर्य साम्राज्य की शुरुआत मगध से हुई थी। धीरे-धीरे यह भारत के विभिन्न भागों में फैल गया। अपने समय का यह सबसे बड़ा साम्राज्य था। भारत के इतिहास में यह आज तक का सबसे बड़ा साम्राज्य था।
राज्य और साम्राज्य में अंतर | |
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राज्य | साम्राज्य |
राज्य का क्षेत्र छोटा होता है। | साम्राज्य बहुत बड़े क्षेत्र में फैला होता है। |
इलाके की रक्षा के लिए छोटी सेना की जरूरत होती है। | इलाके की रक्षा के लिए बड़ी सेना की जरूरत होती है। |
कर वसूलने के लिए मुट्ठी भर अधिकारी काफी होते हैं। | कर वसूलने के लिए अधिकारियों की बड़ी संख्या की जरूरत होती है। |
पूरे इलाके पर राजा का सीधा नियंत्रण होता है। | राजा स्थानीय राज्यपालों की सहायता से शासन करता है। |
चंद्रगुप्त के उत्तराधिकारी: चंद्रगुप्त के बाद उसका पुत्र बिंबिसार राजा बना। उसके बाद बिंबिसार का पुत्र अशोक राजा बना। मौर्य साम्राज्य के सबसे महान राजाओं में चंद्रगुप्त, बिंबिसार और अशोक का नाम आता है।
राजधानी: मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र में थी। इसे अब पटना के नाम से जाना जाता है। इस साम्राज्य के अंदर कई अन्य महत्वपूर्ण शहर आते थे, जैसे कि तक्षशिला, उज्जैन और मथुरा। ये शहर व्यापार के महत्वपूर्ण केंद्र थे। शहरों में मुख्य रूप से व्यापारी वर्ग के लोग रहते थे। किसान और गड़ेरिये गांवों में रहते थे। आखेटक और संग्राहक मध्य भारत के जंगलों में रहते थे। यह साम्राज्य इतना बड़ा था कि विभिन्न भागों के लोग विभिन्न भाषाएँ बोलते थे।
साम्राज्य का शासन:
राजधानी का शासन: राजधानी का शासन सम्राट के सीधे नियंत्रण में होता था। कर वसूलने के लिए अधिकारी होते थे। किसानों, गड़ेरियों, व्यापारियों और शिल्पकारों को कर देना पड़ता था। नियम का उल्लंघन करने वाले को सजा दी जाती थी। कई अधिकारियों को वेतन मिलता था। सम्राट और अधिकारियों के बीच सेंदेश के आदान प्रदान का काम दूतों द्वारा होता था। अधिकारियों पर जासूसों की मदद से निगरानी रखी जाती थी। इन सब पर राजा अपनी नजर रखता था। इस काम में राजा के नजदीकी संबंधी और वरिष्ठ मंत्री राजा की मदद करते थे।
प्रांतों का शासन: अन्य क्षेत्रों का शासन प्रांतीय राजधानियों के नियंत्रण में होता था, जैसे कि तक्षशिला और उज्जैन। इन प्रांतों पर पाटलिपुत्र से सम्राट द्वारा थोड़ा बहुत नियंत्रण रखा जाता था। राजकुमारों को अक्सर प्रांतों का राज्यपाल (सूबेदार) बनाया जाता था। लेकिन हर राज्य के स्थानीय नियमों और परंपराओं का पालन किया जाता था।
यातायात मार्ग पर नियंत्रण: प्रांतीय केंद्रों के बीच का भूभाग काफी बड़ा था। इन पर नियंत्रण रखने के लिए अलग तरीका अपनाया जाता था। सड़कों और नदियों पर मौर्य सम्राट का नियंत्रण होता था। सड़कें और नदियाँ यातायात के महत्वपूर्ण मार्ग का काम करती थीं। इन्हीं मार्गों से कर और नजराना वसूला जाता था। कर देना अनिवार्य था। लेकिन नजराना तो देने वाले पर निर्भर करता था। अर्थशास्त्र में लिखा है कि उत्तर-पश्चिम कंबलों के लिए महत्वपूर्ण था, जबकि दक्षिण सोने और जवाहरात के लिए। ऐसा संभव है कि इस प्रकार की वस्तुएँ नजराने के रूप में आती थीं।
जंगल के लोग: जंगल में रहने वाले लोग काफी हद तक स्वतंत्र थे। लेकिन उनसे यह उम्मीद की जाती थी कि वे हाथी, शहद, मोम और लकड़ी प्रदान करें।
मेगस्थनीज का वर्णन
मेगस्थनीज एक राजदूत था जिसे ग्रीक राजा सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त के दरबार में भेजा था। मेगस्थनीज ने सम्राट के महत्व को बतलाने वाले रोचक वर्णन किये हैं। उसने पाटलिपुत्र की शानो-शौकत के बारे में भी लिखा है। मेगस्थनीज ने लिखा है कि पाटलिपुत्र एक बड़ा शहर था। इस शहर में लगभग 579 वुर्ज और 64 द्वार थे। मकान लकड़ी और कच्ची ईंट से बने थे। मकान एकमंजिले और दोमंजिले थे। सम्राट का महल भी लकड़ी और कच्ची ईंट से बना था। महल में नक्काशीदार पत्थरों से सजावट की गई थी। महल के चारों ओर एक खूबसूरत बगीचा था। बगीचे के चारों ओर चिड़ियों के लिए बसेरा बना हुआ था।
मेगस्थनीज ने राजा के जुलूस का वर्णन भी किया है। सम्राट को सोने की पालकी में ले जाया जाता था। उनके रक्षक आगे-आगे सोने और चांदी से सजे हाथियों पर चलते थे। कुछ रक्षक पेड़ लेकर चलते थे जिनके इर्द गिर्द विशेष रूप से प्रशिक्षित चिड़िया उड़ती रहती थी। कुछ तोते राजा के सिर के चारों ओर उड़ते थे। सम्राट् को महिला अंगरक्षक घेरे रहती थीं। कुछ विशेष नौकर होते थे जो राजा के खाने से पहले उसके लिए बने भोजन को चखते थे।
मेगस्थनीज की बातों से पता चलता है कि सम्राट को सबसे अधिक सम्मान दिया जाता था। उसके जीवन पर हमेशा खतरा रहता होगा। इसलिए अंगरक्षकों को रखा गया था। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि भोजन में जहर न हो य निश्चित करने के लिए भोजन को विशेष नौकर द्वारा चखा जाता था।
अशोक: एक अनोखा सम्राट
अशोक कई मायनों मे एक अनोखा राजा था। वह एकमात्र ऐसा शासक था जिसने एक युद्ध जीतने के बाद अपने साम्राज्य के विस्तार की परिपाटी समाप्त कर दी। वह पहला शासक था जिसने अपनी प्रजा से सीधा संवाद करने की परंपरा शुरु की।
कलिंग का युद्ध
आज के तटीय ओडिसा को कलिंग के नाम से जाना जाता था। अपने साम्राज्य का विस्तार करने की मंशा से अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया और युद्ध में विजयी हुआ। उस युद्ध में एक लाख से अधिक लोग मारे गये, उससे भी अधिक लोग बंदी बनाये गये और बड़ी भारी संख्या में लोग बुरी तरह प्रभावित हुए। उस हादसे को देखकर अशोक स्तब्ध रह गया। इतने बड़े पैमाने पर होने वाले खून खराबे को देखकर अशोक का दिल पिघल गया। उसने प्रण लिया कि भविष्य में कोई युद्ध नहीं लड़ेगा।
अशोक का धम्म
कलिंग के युद्ध के बाद अशोक पर बुद्ध के उपदेशों का गहरा असर पड़ा। अशोक ने एक नये धम्म (धर्म) को अपना लिया जो उस जमाने के हिसाब से क्रांतिकारी था। अशोक के धम्म में भगवान की पूजा का कोई स्थान नहीं था और ना ही उसमें कोई रीति-रिवाज या फिर बलि का प्रावधान था। यदि हम आज के दृष्टिकोण से देखें तो अशोक के धम्म में धर्मनिरपेक्षता की बात थी। धर्मनिरपेक्षता का मतलब होता है सभी धर्मों को समान भाव से देखना।
अशोक ने अपनी प्रजा से संवाद के लिए संदशों और अभिलेखों का सहारा लिया। उसने लोगों से कहा कि अन्य धर्मों की इज्जत करें। उन्होंने लोगों को बिना मतलब के रीति-रिवाजों से दूर रहने को कहा।
अशोक का मानना था कि एक राजा को अपनी प्रजा के ऊपर शक्ति प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। उसे लगता था कि लोगों की सेवा करना और उनकी समस्याएँ हल करना ही राजा का कर्तव्य होता है। उसने ‘धम्म महामात्त’ की नियुक्ति की, जिसका काम था लोगों को धम्म के बारे में बताना।
अशोक ने पत्थर के स्तंभों पर अभिलेख खुदवाये ताकि आम लोग उन्हें पढ़ पाएँ। अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे अनपढ़ लोगों को उस तरह के संदेश पढ़कर सुनाएँ। धम्म का संदेश देने के लिए अन्य देशों में भी दूत भेजे गये।अशोक ने प्रजा की भलाई के लिये कई काम किये। अशोक के शासन काल में सड़कें बनीं, कुँए खोदे गये और सराय बनवाये गये। अशोक ने न सिर्फ मनुष्यों के लिए बल्कि जानवरों के लिए भी अस्पताल बनवाए।
उस समय के अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में प्राकृत भाषा में लिखे गये थे। कुछ स्थानों पर वहाँ की स्थानीय भाषा में अभिलेख लिखे गये थे। आज के अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अरबी में अभिलेख लिखवाये गये।
अशोक की विरासत
अशोक ने अपने पीछे एक संपन्न विरासत छोड़ी है। उसके कई सिद्धांतों का अनुसरण आज भी होता है। हमारे कई राष्ट्रीय प्रतीक अशोक के काल से लिये गये हैं। राष्ट्रीय चिह्न को सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में जो चक्र है उसे अशोक के शासन में कई स्थानों पर इस्तेमाल किया गया था। अशोक द्वारा जारी किये गये सिक्कों में भी ऐसे चक्र बने थे।
Questions and answers
प्रश्न 1: मौर्य साम्राज्य में विभिन्न काम धंधे में लगे लोगों की सूची बनाओ।
उत्तर: मौर्य साम्राज्य में विभिन्न काम धंधे में लोग लगे थे। इनमें से कुछ नीचे दिये गये हैं:
- किसान, पशुपालक, शिल्पकार और व्यापारी लोगों की जरूरतों को पूरा करते थे।
- राजा द्वारा नियुक्त अधिकारी इनसे कर वसूलते थे।
- संदेशवाहक, एक जगह से दूसरी जगह संदेश पहुँचाते थे।
- जासूस अधिकारियों के कार्य कलापों पर नजर रखते थे।
प्रश्न 2: रिक्त स्थानों को भरो।
(क) जहाँ पर सम्राटों का सीधा शासन था वहाँ अधिकारी ------ वसूलते थे।
(ख) राजकुमारो को अक्सर प्रांतों में -------- के रूप में भेजा जाता था।
(ग) मौर्य शासक आवागमन के लिए महत्वपूर्ण -------- और -------- पर नियंत्रण रखने का प्रयास करते थे।
(घ) प्रदेशों में रहने वाले लोग मौर्य अधिकारियों को ----------- दिया करते थे।
उत्तर: (क) कर (ख) गवर्नर (ग) मार्गों, नदियों (घ) हाथी, लकड़ी, मधु और सोम
प्रश्न 3: बताओ कि निम्नलिखित वाक्य सही हैं या गलत
(क) उज्जैन उत्तर पश्चिम की तरफ आवागमन के मार्ग पर था।
(ख) आधुनिक पाकिस्तान और अफगानिस्तान के इलाके मौर्य साम्राज्य के अंदर थे।
(ग) चंद्रगुप्त के विचार अर्थशास्त्र में लिखे गए हैं।
(घ) कलिंग बंगाल का प्राचीन नाम था।
(ङ) अशोक के ज्यादातर अभिलेख ब्राह्मी लिपी में है।
उत्तर: (क) गलत (ख) सही (ग) सही (घ) गलत ( ) सही
प्रश्न 4: उन समस्याओं की सूची बनाओ जिनका समाधान अशोक धम्म द्वारा करना चाहता था।
उत्तर: अशोक के साम्राज्य में अलग अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते थे। इससे कई बार मतभिन्नता के कारण टकराव की स्थिति पैदा हो जाती थी। उस समय जानवरों की बलि चढ़ाई जाती थी। दासों और नौकरों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। साथ ही पड़ोसियों और परिवारों में भी कलह चलता रहता था। जिसका निवारण वे धम्म द्वारा करना चाहते थे।
प्रश्न 5: धम्म के प्रचार के लिए अशोक ने किन किन साधनों का प्रयोग किया?
उत्तर: अशोक ने अपने संदेश अभिलेखों द्वारा जनता तक पहुंचाने की कोशिश की। उसके ज्यादातर संदेश प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में अभिलेखों पर उत्कीर्ण(उत्कृत) मिले हैं। उसने धम्म- महामात्त नाम के अधिकारियों की नियुक्ति की थी, जो जगह जगह जाकर धम्म की शिक्षा देते थे। उसने अपने संदेशों को शिलाओं और स्तंभों पर खुदवाया। जो लोग खुद पढ़ नहीं सकते थे अधिकारी उन्हें संदेश पढ़कर सुनाते थे।
प्रश्न 6: तुम्हारे अनुसार दासों और नौकरों के साथ बुरा व्यवहार क्यों किया जाता होगा? क्या तुम्हें ऐसा लगता है कि सम्राट के आदेशों से उनकी स्थिति मे कोई सुधार आया होगा? अपने जवाब के लिए कारण बताओ।
उत्तर: दासों और नौकरों का जीवन सदा से ही मालिकों की दया पर चलता है। इसलिए उसकी स्थिति दयनीय और कमजोर होती है। जिसका फायदा उठाकर मालिक उसके साथ बुरा व्यवहार करते होंगे। उस समय राजा के अधिकारी सभी कामों को कार्यांवित करते थे। काम सही तरीके से हो, इसके लिए जासूस रखे जाते थे। इन सबके उपर राजा होता था। सबसे उपर सम्राट था जो अशोक खुद था। इन सारी व्यवस्थाओं से ये संभावना लगती है कि दासों की स्थिति में सुधार हुआ होगा।
Extra Question Answers
प्रश्न 1: मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने और कब की?
उत्तर: मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 2300 साल पहले की।
प्रश्न 2: इस साम्राज्य का सबसे महान सम्राट कौन था?
उत्तर: अशोक
प्रश्न 3: उत्तर पश्चिम और मध्य एशिया के लिए आने जाने का मार्ग किस नगर से था?
उत्तर: तक्षशिला
प्रश्न 4: उत्तरी भारत से दक्षिणी भारत जाने वाले रास्ते में कौन सा नगर पड़ता था?
उत्तर: उज्जैन
प्रश्न 5: मेगास्थनीज कौन था?
उत्तर: चंद्रगुप्त के दरबार में पश्चिम-एशिया के यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत का नाम मेगास्थनीज था।
प्रश्न 6: अशोक ने कलिंग पर कब विजय प्राप्त की?
उत्तर: राजा बनने के आठ साल बाद
प्रश्न 7: कलिंग किस जगह का प्राचीन नाम है?
उत्तर: तटवर्ती उड़ीसा
प्रश्न 8: धम्म के विचारों को प्रसारित करने के लिए अशोक ने भारत से बाहर कहाँ कहाँ दूत भेजे?
उत्तर: सीरिया, मिश्र, ग्रीस और श्रीलंका
प्रश्न 9: साम्राज्य और राज्य में क्या अंतर था?
उत्तर: साम्राज्य राज्य से बड़ा होता था। साम्राज्य मे कई राज्य होते थे। इसको चलाने के लिए राज्य की तुलना में ज्यादा संसाधनो की जरूरत होती थी। साथ ही इसकी सुरक्षा के लिए ज्यादा बड़ी सेना रखनी पड़ती थी। इन सारी आवशयकताओं की पूर्ति के लिए कर वसूलने के लिए ज्यादा अधिकारी को नियुक्त करना पड़ता था।
प्रश्न 10: धम्म के अंतर्गत किन बातों पर जोर दिया गया?
उत्तर: धम्म के अनुसार निम्नलिखित बातों पर जोर दिया गया:
- अपने दासों और नौकरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
- बड़ों का आदर करना चाहिए। सभी जीवों पर दया करना चाहिए।
- ब्राह्मणों और श्रमणो को दान देना चाहिए। सभी धर्मों का आदर करना चाहिए।
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