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ग्लोब : अक्षांश एवं देशांतर /Geography class 06 ✍️ AGT

 Chepter 02 

ग्लोब : अक्षांश एवं देशांतर



ग्लोब
:- ग्लोब पृथ्वी का एक लघु प्रतिरूप है, पृथ्वी के विभिन्न भौतिक प्रतिरूप, महाद्वीपों ,महासागरों, विभिन्न देशों , द्वीपों आदि की आकृति ,स्थिति ,उनकी दिशा आदि उसमे दर्शाया रहता है।
एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित होती है,जिसे अक्ष कहा जाता है। ग्लोब पर वे दो बिंदु जिनसे होकर सुई गुजरती है।उसे उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव कहते हैं। ग्लोब को इस सुई के चारों ओर पृथ्वी की भांति पश्चिम से पूर्व की ओर घुमाया जा सकता है। पृथ्वी पर वास्तव में ऐसी कोई सुई नहीं होती।यह अपने अक्ष पर चारों ओर घूमती है जो एक काल्पनिक रेखा है।

एक अन्य काल्पनिक रेखा जो ग्लोब को दो बराबर भागों में बांटती है। इसे विषुवत् वृत्त का जाता है। पृथ्वी के उत्तर में स्थित आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण वाले आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है। यह दोनों बराबर के आधे भाग होते हैं। इस प्रकार विषुवत् वृत्त पृथ्वी पर एक काल्पनिक वृत्त बनाती है। एवं यह पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों की स्थिति बताने का सबसे महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु है।  विषुवत वृत्त से ध्रुवो तक स्थित सभी समांतर व्रतों को अक्षांश (समांतर) रेखाएं कहा जाता है अक्षांशओं को अंश में मापा जाता है।

 विषुवत वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है। चूंकि विषुवत वृत्त से दोनों तरफ दुर्गों के बीच की दूरी पृथ्वी के चारों ओर के वर्क का एक चौथाई है अतः इसका माप होगा 360 अंश का 1/4 यानी 90 अंश इस प्रकार 90 अंश उत्तरी अक्षांश उत्तर ध्रुव को दर्शाता है तथा 90 अंश दक्षिणी अक्षांश दक्षिण ध्रुव को दर्शाता है।
इस प्रकार विषुवत वृत्त के उत्तर की सभी समांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है।तथा विषुवत वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समांतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है।

 महत्वपूर्ण अक्षांश (समांतर) रेखाएं:-
विषुवत वृत्त (0°), उत्तर ध्रुव (90°उ.) तथा दक्षिण ध्रुव (90° द.) के अतिरिक्त चार महत्वपूर्ण अक्षांश (समांतर) रेखाएं और भी हैं ये हैं -

1. उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा(23१/२ उ.)साढ़े 23,
2 . दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा(23१/२ द.)साढ़े 23,
3 . विषुवत वृत्त के (66१/२) उत्तर में उत्तर ध्रुव वृत्त,
4 . विषुवत रेखा के (66१/२)  दक्षिण में दक्षिण ध्रुव वृत्त।

पृथ्वी के ताप कटिबंध

उष्ण कटिबंध:-कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांश पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है ।इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है। इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है।

 शीतोष्ण कटिबंध:-  कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुवों की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं। इस प्रकार,उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है।इसलिए इसे शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।

शीत कटिबंध  :-  उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त एवं उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त एवं दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है। क्योंकि यहां सूर्य क्षितिज से ज्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए यह शीत कटिबंध  कहलाते हैं।

देशांतर क्या है? 

 किसी स्थान की स्थिति को बताने के लिए उस स्थान के अक्षांश के अतिरिक्त कुछ और जानकारियों की आवश्यकता भी होती है।आप देख सकते हैं कि प्रशांत महासागर में स्थित टोंगा द्विप एवं हिंद महासागर में स्थित मॉरीशस द्विप एक ही अक्षांश (20°00` द.) पर स्थित हैं।उनकी सही स्थिति जानने के लिए यह पता करना होगा कि उत्तर ध्रुव को दक्षिण ध्रुव से जोड़ने वाली संदर्भ रेखा से पुर्व या पश्चिम की और इन स्थानों की दूरी कितनी है? इन संदर्भ रेखाओं को देशांतरीय याम्योत्तर कहते हैं तथा उनके बीच की दूरी को देशांतर के अंशों में मापा जाता है। प्रत्येक अंश को मिनट में तथा मिनट को सेकंड में विभाजित किया जाता है। ये अर्धवृत्त है तथा उनके बीच की दूरी ध्रुवो की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है। एवं ध्रुवों पर शून्य हो जाती है, जहां सभी देशांतरीय याम्योत्तर आपस में मिलती है।

 अक्षांश (समांतर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है।इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था। तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच, जहां ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है,से गुजरने वाली याम्योत्तर से पूरब और पश्चिम की और गिनती शुरू की जाए। इस याम्योत्तर को प्रमुख  याम्योत्तर कहते हैं।इसका मान 0°देशांतर है। तथा यहां से हम 180° पूर्व या 180°पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों पूर्वी गोलार्ध एवं पश्चिमी गोलार्ध में विभक्त करती है। इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू.तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। यह जानना रोचक होगा कि 180° पूर्व और 180° पश्चिमी उत्तर एक ही रेखा पर स्थित है।

       अब ग्लोब पर अक्षांश (समांतर) रेखाओं एवं देशांतरीय याम्योत्तरो के द्वारा बनी ग्रिड को देखो। अगर आपको किसी स्थान के अक्षांश एवं देशांतर की सही जानकारी हो तो ग्लोब पर आप उस स्थान का पता आसानी से लगा सकते हैं।उदाहरण के लिए असम में धुबरी 26°उ.अक्षांश एवं 90°पू.देशांतर पर स्थित है।अब उस बिंदु को देखें जहां यह दोनों रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं। यह बिंदु धुबरी की सही स्थिति होगी।

 देशांतर और समय

 समय को मापने का सबसे अच्छा साधन पृथ्वी, चंद्रमा एवं ग्रहों की गति है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त प्रतिदिन होता है अतः स्वाभाविक ही है कि यह पूरे विश्व में समय निर्धारण का सबसे अच्छा साधन है। स्थानीय समय का अनुमान सूर्य के द्वारा बनने वाली परछाई से लगाया जा सकता है जो दोपहर में सबसे छोटी एवं सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सबसे लंबी होती जाती है।
   
 ग्रीनिच पर स्थित प्रमुख याम्योत्तर पर सूर्य जिस समय आकाश के सबसे ऊंचे बिंदु पर होगा उस समय याम्योत्तर पर स्थित सभी स्थानों पर दोपहर होगी।

   चूँकि,पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है, अंत : वे स्थान जो ग्रीनिच के पूर्व में हैं, उनका समय ग्रीनिच समय से आगे होगा तथा जो पश्चिम में हैं उनका समय पीछे होगा।(चित्र 2.7) समय के अंतर की दर की गणना निम्नलिखित विधि से की जा सकती है पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है अर्थात् वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है।इस प्रकार जब ग्रीनिच में दोपहर के 12:00 बजते हैं तब ग्रीनीच में 15°पूर्व में समय होगा 15×4=60 मिनट अदार्थ, ग्रीनिच के समय से 1 घंटा आगे,अदार्थ वहां दोपहर का 1 बजा होगा। लेकिन ग्रीनिच से 15° पश्चिम का समय ग्रीनीच समय से 1 घंटा पीछे होगा यानी, वहां  सुबह के 11:00 बजे होंगे।इसी प्रकार जब ग्रीनिच पर दोपहर के 12:00 बजे होंगे उस समय 180° पर मध्य रात्रि होगी।
 
  किसी भी स्थान पर जब सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर होता है, दोपहर में उस समय घड़ी में दिन के 12:00 बजते हैं।इस प्रकार घड़ी के द्वारा दिखाया गया समय उस स्थान का स्थानीय समय होगा।आप देख सकते हैं कि दिए गए देशांतरीय याम्योत्तर पर सभी स्थानों का स्थानीय समय समान है।

 हम मानक समय क्यों मानते हैं?

 अलग-अलग याम्योत्तर पर स्थित स्थानों के स्थानीय समय में अंतर होता है।उदाहरण के लिए बहुत से देशांतर से होकर गुजरने वाली रेल गाड़ियों के लिए समय सारणी तैयार करना कठिन होगा। भारत में गुजरात के द्वारका तथा असम के डिब्रूगढ़ के स्थानीय समय में लगभग 1 घंटा 45 मिनट का अंतर होगा। इसलिए यह आवश्यक है कि देश के मध्य भाग से होकर गुजरने वाली किसी याम्योत्तर के स्थानीय समय को देश का मानक समय माना जाता है। इस याम्योत्तर रेखा के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना जाता है।भारत में 82१/२पू.(82°30`पू.)को मानक याम्योत्तर माना गया है। इस याम्योत्तर के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना जाता है।इसे भारतीय मानक समय के नाम से जाना जाता है।
 
      भारत ग्रीनिच इसके पूर्व 82°30°पूर्व में स्थित है।तथा यहां का समय ग्रीनिच समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है। इसलिए जब लंदन में दोपहर के 2:00 बजे होंगे तब भारत में शाम के 7:30 बजे होंगे।

    कुछ देशों का देशांतरीय विस्तार अधिक होता है। जिसके कारण वहां एक से अधिक मानक समय अपनाए गए हैं।उदाहरण के लिए रूस में 11 मानक समय को अपनाया गया है पृथ्वी को एक-एक घंटे वाले 24 समय क्षेत्र में बांटा गया है।इस प्रकार प्रत्येक समय क्षेत्र 15°ददेशांतर तक के क्षेत्र को घेरता है।



निम्नलिखित प्रश्नो के संक्षेप में उत्तर दीजिए।

प्रश्न 1: पृथ्वी का सही आकार क्या है?

उत्तर: भू-आभ

प्रश्न 2: ग्लोब क्या है?

उत्तर: ग्लोब पृथ्वी का एक छोटा वास्तविक रूप है।

प्रश्न 3: कर्क रेखा का अक्षांशीय मान क्या है?

उत्तर: कर्क रेखा का अक्षांशीय मान 23.5° है।


प्रश्न 4: पृथ्वी के तीन ताप कटिबंध कौन से है?

उत्तर: पृथ्वी के तीन ताप कटिबंध है- उष्ण कटिबंध, शीतोष्ण कटिबंध, शीत कटिबंध।

प्रश्न 5: अक्षांश और देशांतर रेखाएँ क्या है?

उत्तर: अक्षांश रेखाएँ- विषुवत वृत(भूमध्य रेखा) से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर काल्पनिक वृतो को अक्षांश(समानांतर) रेखाएँ कहते हैं।

देशांतर रेखाएँ- उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को जोड़ने वाली काल्पनिक रेखा को देशांतर रेखाएँ कहते हैं।

प्रश्न 6: उष्मा की सबसे अधिक मात्रा उष्ण कटिबंध क्यों प्राप्त करते हैं?

उत्तर: उष्ण कटिबंध में साल में कम से कम एक बार दोपहर का सूर्य सिर के ठीक ऊपर होता है। यानि इस क्षेत्र में सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इसलिए उष्मा की सबसे अधिक मात्रा उष्ण कटिबंध को मिलती है।

प्रश्न 7: जब भारत मे शाम के 5:30 बजते है, तब लंदन मे दोपहर के 12:00 क्यों बजते हैं?

उत्तर: लंदन के समय की तुलना में भारत का समय 5 घंटे 30 मिनट आगे है। इसलिए जब भारत में शाम के 5:30 बजते हैं, तब लंदन में दोपहर के 12:00 बजते हैं।

सही उत्तर चिन्हित कीजिए।

(i) प्रमुख याम्योत्तर का मान है।

(क) 90° (ख) 0° (ग) 60°

उत्तर: (ख) 0°

(ii) शीत कटिबंध किसके नजदीक पाया जाता है?

(क) ध्रुवों (ख)विषुवत वृत (ग) कर्क रेखा

उत्तर: (क) ध्रुवों

(iii) देशांतरो की कुल संख्या है-

(क) 360 (ख) 180 (ग) 90

उत्तर: (ख) 180


(iv) दक्षिण ध्रुव वृत स्थित है-
(क) उत्तरी गोलार्ध मे
(ख) दक्षिणी गोलार्ध मे
(ग) पूर्वी गोलार्ध मे

उत्तर: (ख) दक्षिणी गोलार्ध मे

(v) ग्रिड किसका जाल है।
(क) अक्षांशो(समानांतर) रेखाओं और देशांतरीय याम्योत्तरो का
(ख) कर्क रेखा और मकर रेखा का
(ग) उत्तर ध्रुव और दक्षिण ध्रुव का

उत्तर: (क) अक्षांशो(समानांतर) रेखाओं और देशांतरीय याम्योत्तरो का

खाली स्थानों भरें।

  1. मकर रेखा ------- पर स्थित है।
  2. भारत का मानक यामोत्तर ----------- है।
  3. 0° यामोत्तर को --------- के नाम से जाना जाता है।
  4. देशांतरो के बीच की दूरी -------- की तरफ घटती जाती है।
  5. उत्तर ध्रुव वृत ------- गोलार्ध में स्थित है।

उत्तर: (i) 23.5° दक्षिण, (ii) 82.5° पूर्व, (iii) प्रमुख याम्योत्तर, (iv) ध्रुवों, (v) दक्षिणी


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