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सौरमंडल में पृथ्वी /Geography Class 06 ~✍️ :- AGT


CLASS 06                    Chepter 01

सौरमंडल में पृथ्वी

पूर्णिमा:-
पूर्ण चंद्रमा को लगभग 1 महीने में एक बार देख सकते हैं यह पूर्ण चंद्रमा वाली रात या पूर्णिमा कहलाती है।


अमावस्या:- अमावस्या की रात चंद्रमा बिल्कुल ही दिखाई नहीं देती है यह नए चंद्रमा की रात्रि या अमावस्या का लाती है।
*चंद्रमा के पास अपना प्रकाश नहीं होता है

दिन के समय आकाश में चंद्रमा एवं छोटे चमकीले वस्तु क्यों नहीं दिखाई देती है?
दिन के समय आकाश में चंद्रमा एवं छोटे चमकीले वस्तु इसलिए दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि सूरज के अत्यधिक तेज प्रकाश के कारण रात के समय चमकने वाले वस्तुओं को हम दिन में नहीं देख पाते हैं।

खगोलीय पिंड:- सूर्य चंद्रमा तथा वे सभी वस्तु है जो रात के समय आसमान में चमकती है खगोलीय पिंड कहलाती है।
तारा:- कुछ खगोलीय पिंड बड़े आकार वाले तथा गर्म होते हैं ये गैसों से मिलकर बने होते हैं इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होती है जिसे वे बहुत मात्रा में उत्सर्जित करता है इन खगोलीय पिंड को तारा कहते हैं।
*रात के समय चमकते हुए अनगिनत तारे सूर्य के सामान होते हैं यह हमसे बहुत दूर होने के कारण हमलोग इनकी ऊष्मा या प्रकाश को महसूस नहीं करते हैं तथा वे अत्यंत छोटे दिखाई पड़ते हैं।
*सूर्य भी एक तारा है।

नक्षत्र मंडल:- रात्रि में आसमान की ओर देखते समय आप तारों के विभिन्न समूह द्वारा बनाए गए विविध आकृतियों को देख सकते हैं। ये नक्षत्र मंडल कहलाते है।
* अर्सा मेजर या बिग बियर इसी प्रकार का एक नक्षत्रमंडल है। बहुत आसानी से पहचान में आने वाला नक्षत्र मंडल है, सप्तऋषि ( सप्त-सात,ऋषि-संत) यह सात तारों का समूह है,जो कि नक्षत्रमंडल अर्सा मेजर का भाग है।
*प्राचीन समय में लोग रात्रि में दिशा का निर्धारण तारों की सहायता से करते थे।उत्तरी तारा उत्तर दिशा को बताता है इसे ध्रुव तारा भी कहा जाता है। यह आसमान में हमेशा एक ही स्थान पर रहता है।हम सप्त ऋषि की सहायता से ध्रुव तारे की स्थिति को जान सकते हैं ।

सौरमंडल
- सूर्य,8 ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड जैसे शुद्र ग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं।उसे हम सौर परिवार का नाम देते हैं जिसका मुखिया सूर्य है।

सूर्य - सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित है। यह बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म गैसों से बना है इसका खिंचाव बल इससे सौरमंडल को बांधे रखता है। सूर्य,सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का स्त्रोत है। लेकिन हम इसकी अत्यधिक तेज ऊष्मा को महसूस नहीं करते हैं क्योंकि सबसे नजदीक का तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है।सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है।
ग्रह
 :- कुछ खगोलीय पिंडों में अपना प्रकाश एवं ऊष्मा नहीं होती है। वह तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं ऐसे पिंड ग्रह कहलाते हैं। पृथ्वी, जिस पर हम रहते हैं एक ग्रह है यह अपना संपूर्ण प्रकाश एवं ऊष्मा सूर्य से प्राप्त करती है। 

हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं सूर्य से दूरी के अनुसार वे है : बुध,शुक्र,पृथ्वी,मंगल,बृहस्पति,शनि, यूरेनस (अरुण) तथा नेपच्यून (बरुण)।
सूर्य के सभी आठ  ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते हैं।यह रास्ते दीर्घ वृत्ताकार में फैले हुए हैं यह कक्षा कहलाते हैं।बुध सूर्य के सबसे नजदीक है अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में इसे केवल 88 दिन लगते हैं।शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है क्योंकि इसका आकार एवं आकृति लगभग पृथ्वी के ही समान है ।अभी तक प्लूटो भी एक ग्रह माना जाता था परंतु अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संगठन ने अपनी बैठक (अगस्त 2006)में यह निर्णय लिया कि कुछ समय पहले खोजे गए अन्य खगोलीय पिंड (2003 UB313, सिरस) तथा प्लूटो,बौने ग्रह कहे जा सकते हैं।

पृथ्वी- सूर्य से दूरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा ग्रह है। आकार में यह पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।यह ध्रुवो के पास थोड़ी चपटी है यही कारण है कि इसके आकार को भू-आभ कहा जाता है। भू-आभ का अर्थ है पृथ्वी के समान आकार।





 जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां संभवत: केवल पृथ्वी पर ही पाई जाती हैं।पृथ्वी न तो अधिक गर्म है और न ही अधिक ठंडी। यहां पानी एवं जलवायु उपस्थित है जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं।वायु में जीवन के लिए आवश्यक गैसे, जैसे ऑक्सीजन मौजूद हैं। इन्हीं कारणों से पृथ्वी सौरमंडल का सबसे अद्भुत ग्रह है।अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई पड़ती है। क्योंकि इसकी दो-तिहाई शतह पानी से ढकी हुई है। इसलिए इसे,नीला ग्रह कहा जाता है।

चंद्रमा - हमारी पृथ्वी के पास केवल एक उपग्रह है, चंद्रमा। इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का केवल एक चौथाई है।यह इतना बड़ा इसलिए प्रतीत होता है क्योंकि यह हमारे ग्रह से अन्य खगोलीय पिंडों की अपेक्षा नजदीक है यह हमसे लगभग 3,84,400 किलोमीटर दूर है। अब आप पृथ्वी से सूर्य एवं चंद्रमा की दूरियों की तुलना कर सकते हैं।         
चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिन में पूरा करता है।लगभग इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर एक चक्कर भी पूरा करता है।इसके परिणाम स्वरूप पृथ्वी से हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई पड़ता है। चंद्रमा की परिस्थितियां जीवन के लिए अनुकूल नहीं है यहां न पानी है और न ही वायु। इसकी स्तह पर पर्वत,मैदान एवं गड्ढे हैं। जो चंद्रमा कि सतह पर छाया बनाते हैं।पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पर इनकी छाया को देखा जा सकता है।

क्षुद्र ग्रह
- तारो, ग्रहो एवं उपग्रहो के अतिरिकत, असंख्य छोटे पिंड भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इन पिण्डों को क्षुद्र ग्रह कहते हैं।यह मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं वैज्ञानिकों के अनुसार क्षुद्र ग्रह, ग्रह के ही भाग होते हैं जो कि बहुत वर्ष पहले विस्फोट के बाद घरों से टूट कर अलग हो गए।

उल्कापिंड
- सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरो के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्कापिंड कहते हैं। कभी-कभी यह उल्का पिंड पृथ्वी के इतने नजदीक आ जाते हैं कि इन की प्रवृत्ति पृथ्वी पर गिरने की होती है।इस प्रक्रिया के दौरान वायु के साथ घर्षण होने के कारण ये गर्म होकर जल जाते हैं। फल स्वरुप चमकदार प्रकाश उत्पन्न होता है। कभी-कभी कोई उलका पूरी तरह जले बिना पृथ्वी पर गिरती है। जिससे धरातल पर गड्ढे बन जाते हैं।
   क्या आपने तारो वाले खुले आकाश में एक और से दूसरी और तक फैली चौड़ी सफेद पट्टी की तरह एक चमकदार रास्ते को देखा है। यह लाखों तारों का समूह है यह पट्टी आकाश गंगा (मिल्की वे) है। हमारा सौरमंडल इस आकाशगंगा का एक भाग है। प्राचीन भारत में इसकी कल्पना आकाश में प्रकाश की एक बहती नदी से की गई थी। इस प्रकार इसका नाम अकाश गंगा पड़ा था।आकाशगंगा करोड़ों तारों बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली है इस प्रकार की लाखों अकाश गंगा  मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करती हैं ।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए।

प्रश्न 1: ग्रह और तारे में क्या अंतर है?

उत्तर:

ग्रहतारे
ग्रह टिमटिमाते नही है।तारे टिमटिमाते है।
ग्रह के पास अपना प्रकाश नही होता है।तारों के पास अपना प्रकाश होता है।
ग्रह तारों का चक्कर लगाते है।तारे किसी खगोलिय पिंड का चक्कर लगाते है।
ग्रह का आकार तारों से छोटा होता है।इसका आकार बहुत बड़ा होता है।

प्रश्न 2:सौरमंडल से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: ‘सौरमंडल’ का शाब्दिक अर्थ ‘सूर्य का परिवार’ होता है। सूर्य इस परिवार का मुखिया होता है। सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा अन्य खगोलिय पिंड, जैसे क्षुद्र ग्रह और उल्का पिंड ये सभी मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 3: सूर्य से उनकी दूरी के अनुसार सभी ग्रहों के नाम लिखो।

उत्तर: बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून

प्रश्न 4: पृथ्वी को अद्भुत ग्रह क्यों कहा जाता है?

उत्तर: पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन है। जीवन के अनुकूल यहाँ का वातावरण है। यह न तो अधिक गर्म है और न अधिक ठंढी। यहाँ हवा और पानी दोनों मौजूद है जो हमारे जीवन के लिए जरूरी है। इसलिए इसे अद्भुत ग्रह कहा जाता है।

प्रश्न 5: हम हमेशा चंद्रमा के एक ही भाग को क्यों देख पाते हैं?

उत्तर: चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में लगभग 27 दिन लेता है। इतना ही समय इसे अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगता है। इसी कारण हम हमेशा चंद्रमा के एक ही भाग को देख पाते है।

प्रश्न 6: ब्रह्माण्ड क्या है?

उत्तर: अंतरिक्ष में मौजूद सभी तत्व जैसे- ग्रह, तारे, उपग्रह, आकाशगंगा को सम्मिलित रूप से ब्रहमांड कहते हैं।

सही उत्तर चिन्हित करें।

(i) किस ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा ग्रह कहा जाता है?

(क) बृहस्पति
(ख) शनि
(ग) शुक्र

उत्तर: शुक्र

(ii) सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह कौन है?

(क) शुक्र
(ख) पृथ्वी
(ग) बुद्ध

उत्तर: पृथ्वी

(iii) सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार के पथ पर चक्कर लगाते हैं?

(क) वृतीय पथ पर
(ख) आयताकार पथ पर
(ग) दीर्घवृताकार

उत्तर: दीर्घवृताकार

(iv) ध्रुवतारे से किस दिशा का ज्ञान होता है?

(क) दक्षिण
(ख) उत्तर
(ग) पूर्व

उत्तर: उत्तर

(v) क्षुद्र ग्रह किन कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं?

(क) शनि और बृहस्पति
(ख) मंगल और बृहस्पति
(ग) पृथ्वी और मंगल

उत्तर: मंगल और बृहस्पति


खाली स्थान भरें।

(i) -------- का एक समूह जो विभिन्न प्रतिरूपो को तैयार करता है, उसे -------- कहते हैं।

(ii) तारों की एक बहुत बड़ी प्रणाली को -------- कहा जाता हैं।

(iii) -------- पृथ्वी के सबसे करीब है।

(iv) -------- सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह है।

(v) ग्रहों के पास अपनी ------- तथा -------- नहीं होती है।

उत्तर: (i) तारों, नक्षत्रमंडल, (ii) आकाशगंगा, (iii) चंद्रमा, (iv) पृथ्वी, (v) प्रकाश, उष्मा


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