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पृथ्वी की गतियाँ /Geography class 06 ✍️ AGT

Chepter  03

पृथ्वी की गतियाँ



घूर्णन: पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है। पृथ्वी की इस गति को घूर्णन कहते हैं। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। घूर्णन में लगे इस समय को पृथ्वी दिन कहते हैं।

अक्ष: पृथ्वी जिस काल्पनिक रेखा पर घूमती है उसे कक्ष कहते हैं।

कक्ष या कक्षा: पृथ्वी जिस काल्पनिक रेखा पर चलकर सूर्य का चक्कर लगाती है उसे कक्ष या कक्षा कहते हैं। पृथ्वी से होकर इसकी कक्षा से जाने वाले समतल को कक्षीय समतल कहते हैं।

अक्ष का झुकाव: पृथ्वी का अक्ष इसके कक्षीय समतल से 66.5° का कोण बनाता है। पृथ्वी के कक्षीय समतल से समकोण बनाने वाली रेखा इसके अक्ष से 23.5° का कोण बनाती है।


परिक्रमण: सूर्य के चारों ओर पृथ्वी द्वारा अपने कक्ष पर की जाने वाली गति को परिक्रमण कहते हैं।

वर्ष: पृथ्वी द्वारा एक परिक्रमण पूरा करने में लगे समय को एक वर्ष कहते हैं। एक वर्ष में 365.25 दिन (365 दिन 6 घंटे) होते हैं। सहूलियत के लिए एक सामान्य वर्ष को 365 दिनों का ही माना जाता है। अतिरिक्त 6 घंटों को हर चार वर्ष पर जोड़कर साल में एक दिन अधिक कर दिया जाता है। ऐसे साल को लीप इयर कहते हैं जिसमें 366 दिन होते हैं।


पृथ्वी के घूर्णन के कारण दिन और रात होते हैं, जबकि परिक्रमण के कारण ऋतु में परिवर्तन होता है। आपने पढ़ा होगा कि पृथ्वी के जिस भाग में सूर्य की रोशनी पड़ती है वहाँ दिन होता है और सूर्य की रोशनी से दूर वाले भाग में रात होती है।

क्या होगा यदि पृथ्वी का घूर्णन नहीं होगा?

यदि पृथ्वी का घूर्णन नहीं होगा तो इसका आधा हिस्सा हमेशा सूर्य की रोशनी में रहेगा और बाकी आधे हिस्से में हमेशा रात रहेगी। जिस भाग में हमेशा दिन रहेगा वहाँ का तापमान बहुत ज्यादा हो जायेगा। जिस भाग में हमेशा रात रहेगी वहाँ का तापमान बहुत कम हो जायेगा। ऐसे में पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो पायेगा।

प्रदीप्ति वृत्त: पृथ्वी पर दिन और रात वाले हिस्सों को विभाजित करने वाली रेखा को प्रदीप्ति वृत्त (सर्कल ऑफ इल्युमिनेशन) कहते हैं। प्रदीप्ति वृत्त और कक्षीय समतल के बीच समकोण बनता है। इस तरह से प्रदीप्ति वृत्त और अक्ष के बीच 23.5° का कोण बनता है।

प्रदीप्ति वृत्त और पृथ्वी के अक्ष के बीच बनने वाले कोण के कारण साल के अधिकतर दिनों को पृथ्वी के दोनों गोलार्धों पर सूर्य की किरणें समान रूप से नहीं पड़ती हैं। इसी कारण से ऋतु में परिवर्तन होता है। नीचे दिये गये चित्र में इसे दिखाया गया है।


पृथ्वी के कक्ष का आकार दीर्घवृत्ताकार होता है। कक्ष के इस आकार के कारण पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी पूरे साल में बदलती रहती है। कभी पृथ्वी सूर्य के बहुत नजदीक होती है तो कभी बहुत दूर हो जाती है।

पेरीहेलियन (उपसौर): जिस बिंदु पर पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होती है उसे पेरीहेलियन कहते हैं।

एपहेलियन (अपसौर): जिस बिंदु पर पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर होती है उसे एपहेलियन कहते हैं।

विषुव (इक्वीनॉक्स): जिस दिन सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर सीधी पड़ती हैं उस दिन को विषुव कहते हैं। इस तारीख को दिन और रात की लंबाई बराबर होती है। यह 21 मार्च और 23 सितंबर को होता है। 21 मार्च को उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु का समय होता है, जबकि 23 सितंबर को दक्षिणी गोलार्ध में बसंत ऋतु का समय होता है।

अयनांत (सॉल्सटिस): 21 जून और 22 दिसंबर को अयनांत होता है। 21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस दिन को उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन और रात छोटी होती  है और गर्मी की ऋतु होती है ।उत्तरी अयनांत कहलाती है। 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस दिन को दक्षिणी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन और रात छोटी होती  है और गर्मी की ऋतु होती है ।दक्षिणी अयनांत कहलाती है।

छ: महीने के दिन रात कहां होती है?

21 मार्च से 23 सितंबर तक उत्तरी ध्रुव पर सूर्य की किरणें लगातार पड़ती रहती हैं। इसलिये उत्तरी ध्रुव पर इन छ‌: महीनों तक दिन होता है। 23 सितंबर से 21 मार्च तक दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य की किरणें पड़ती रहती हैं। इसलिये दक्षिणी ध्रुव पर इन छ: महीनों तक दिन होता है।



निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

प्रश्न 1: पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कोण क्या है।

उत्तर: 66.5˚

प्रश्न 2: घूर्णन और परिक्रमण को परिभाषित करें।

उत्तर: घूर्णन: पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने की प्रक्रिया को घूर्णन कहते हैं।

परिक्रमण: सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्षा में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं।

प्रश्न 3: लीप वर्ष क्या है?

उत्तर: ऐसा साल जो 366 दिन का होता है, उसे लीप वर्ष कहते हैं।


प्रश्न 4: उत्तर और दक्षिण अयनांतो में अंतर बताइए।

उत्तर:

उत्तर अयनांतदक्षिण अयनांत
यह 21 जून को होता है।यह 22 दिसम्बर को होता है।
उत्तरी गोलार्ध में इस समय दिन लंबी और रातें छोटी होती है।इस समय दक्षिणी गोलार्ध में दिन लम्बी और रातें छोटी होती है।
दक्षिणी गोलार्ध में इस समय जाड़े का मौसम होता है।उत्तरी गोलार्ध में जाड़े का मौसम होता है।
उत्तरी गोलार्ध में गर्मी का मौसम होता है।दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी का मौसम होता है।

प्रश्न 5: विषुव क्या है?

उत्तर: विषुव के दौरान पूरी पृथ्वी पर दिन और रात बराबर होते हैं। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की तरफ नहीं झुका होता है। 21 मार्च और 23 सितम्बर को सूर्य की किरणें विषुवत वृत पर सीधी पड़ती है।

प्रश्न 6: दक्षिणी गोलार्ध उत्तरी गोलार्ध की अपेक्षा उत्तर और दक्षिण का अयनांत अलग अलग समय में होता है, क्यों।

उत्तर: 21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस समय उत्तरी गोलार्ध में उत्तर अयनांत होता है। 22 दिसम्बर को मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण अयनांत होता है।

प्रश्न 7: ध्रुवों पर लगभग 6 महीनों का दिन और 6 महीनों की रात होती है. क्यों।

उत्तर: 21 मार्च से 23 सितम्बर के बीच लगभग 6 महीने उत्तरी ध्रुव पर लगातार सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसलिए उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने दिन रहता है और दक्षिणी ध्रुव पर रात होती है। उसी तरह 23 सितम्बर से 21 मार्च के बीच दक्षिणी ध्रुव पर लगातार सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसलिए दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने दिन रहता है और उत्तरी ध्रुव पर रात होती है।


सही उत्तर चिन्हित कीजिए।

(i) पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर की गति को कहा जाता है-

(क) घूर्णन
(ख) परिक्रमण
(ग) झुकाव

(ii) सूर्य की सीधी किरणें विषुवत वृत पर किस दिन पड़ती है-

(क) 21 मार्च
(ख) 21 जून
(ग) 22 दिसम्बर

(iii) गर्मी में क्रिसमस का पर्व कहाँ मनाया जाता है-

(क) जापान
(ख) भारत
(ग) आस्ट्रेलिया

(iv) ऋतुओं में परिवर्तन पृथ्वी की किस गति के कारण होता है-

(क) घूर्णन
(ख) परिक्रमण
(ग) गुरूत्वाकर्षण

उत्तर: (i) (ख) परिक्रमण, (ii) (क) 21 मार्च, (iii) (ग) आस्ट्रेलिया, (iv) (ख) परिक्रमण

खाली स्थान भरें।

  1. एक लीप वर्ष में दिनों की संख्या -------- होती है।
  2. पृथ्वी की प्रतिदिन की गति को ------- कहते हैं।
  3. पृथ्वी सूर्य के चारो ओर ------ कक्षा मे घूमती है।
  4. 21 जून को सूर्य की किरणें ------- रेखा पर सीधी पड़ती है।
  5. ------- ऋतु में दिन छोटे होते हैं।

उत्तर: (i) 366, (ii) पृथ्वी दिन, (iii) दीर्घवृताकार, (iv) कर्क रेखा, (v) शरद

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